नई दिल्ली: करुणा फाउंडेशन द्वारा 10 जनवरी 2025 को आयोजित साइबर सुरक्षा संगोष्ठी, विकसित भारत @ 2047 व्याख्यान श्रृंखला के तीसरे एडवोकेसी कार्यक्रम के रूप में एक ऐतिहासिक सफलता रही। यह कार्यक्रम सी. डी. देशमुख सभागार, इंडिया इंटरनेशनल सेंटर, मैक्स मूलर मार्ग, नई दिल्ली में आयोजित किया गया, जिसमें भारत की डिजिटल सुरक्षा को सशक्त बनाने के लिए गहन चर्चाएँ और विचार-विमर्श हुए।
कार्यक्रम की मुख्य विशेषताएँ:
इस संगोष्ठी में राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर के प्रतिष्ठित विशेषज्ञों, नीति-निर्माताओं, और उद्योग जगत के अग्रणी व्यक्तित्वों ने भाग लिया। इनमें प्रमुख रूप से शामिल थे:
मेजर जनरल एम. यू. नायर (सेवानिवृत्त), सलाहकार, रक्षा मंत्रालय, जिन्होंने जेनेरेटिव एआई-आधारित साइबर रक्षा तंत्र को विकसित करने पर अपने विचार प्रस्तुत किए।
श्री बी. शंकर जायसवाल, आईपीएस, संयुक्त पुलिस आयुक्त, दिल्ली पुलिस, जिन्होंने ज़ीरो ट्रस्ट आर्किटेक्चर और एआई सुरक्षा के महत्व पर प्रकाश डाला।
लेफ्टिनेंट जनरल राजेश पंत (सेवानिवृत्त), माननीय प्रधानमंत्री के पूर्व राष्ट्रीय साइबर सुरक्षा सलाहकार, जिन्होंने भारत की डिजिटल सुरक्षा में एआई की क्रांतिकारी भूमिका पर जोर दिया।
एफसीएस नेसर अहमद, परिषद सदस्य, आईसीएसआई, एमओसीए, और जिनेवा के पूर्व अंतर्राष्ट्रीय अध्यक्ष, जिन्होंने साइबर सुरक्षा शासन पर अपने विचार साझा किए।
श्री देवेंद्र प्रताप सिंह, सीईओ, एचआईटीईएस, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय, जिन्होंने स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र में एआई अनुप्रयोगों पर विस्तृत चर्चा की।
इसके अतिरिक्त, फोर्टिनेट, पैराडाइम आईटी, और सावेक्स जैसे अग्रणी साइबर सुरक्षा समाधान प्रदाताओं के सीईओ, आईआईटी दिल्ली के प्रोफेसर, और अन्य प्रतिष्ठित विशेषज्ञों ने अपने विचार साझा किए।
मुख्य निष्कर्ष:
संगोष्ठी में ज़ीरो ट्रस्ट सुरक्षा मॉडल और जेनेरेटिव एआई जैसी आधुनिक साइबर सुरक्षा तकनीकों पर केंद्रित गहन चर्चा हुई। इस कार्यक्रम ने न केवल साइबर सुरक्षा चुनौतियों का समाधान प्रस्तुत किया, बल्कि नीति निर्माण, उद्योग और शिक्षा क्षेत्र के बीच सहयोग का मार्ग भी प्रशस्त किया।
संस्थापक का वक्तव्य:
करुणा फाउंडेशन के संस्थापक श्री कुंदन कुमार झा ने अपनी प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा, “यह संगोष्ठी हमारे विकसित भारत @ 2047 के विज़न को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। भारत को साइबर सुरक्षा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर और सशक्त बनाने के लिए यह मंच महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा।”
यह संगोष्ठी राष्ट्रीय स्तर पर साइबर सुरक्षा जागरूकता बढ़ाने और डिजिटल भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए नए विचारों और रणनीतियों को सामने लाने में सफल रही।