दिल्ली का हाल

images-1.jpeg
मनिंद्र कुमार झा
मैं दिल्ली का वासी हूँ। पिछले 30 साल से वोटर भी रहा हूँ। स्कूल का मॉडल ये है कि पूछिए मत 1233 स्कूल में से 833 में प्रिंसिपल ही नहीं। टीचर सारे एडहॉक लगाए हैं । 2013 के बाद एक बार भी नियमित टीचरों की बहाली नहीं हुई। बिल्डिंग नहीं टीचर पढ़ाते हैं । 20 हजार की टीचर वैकेंसी खाली है। स्वास्थ का हाल बताऊं तो जा के देखिए किसी दिल्ली के अस्पताल में अब मुश्किल कुछ दवा मिलती है। बाकी दवा मरीज को बाहर से लेनी पड़ती है। बिना घूस दिए आपका अस्पताल में नंबर नहीं लगता। मोहल्ला क्लिनिक में किसी बड़ी बीमारी का इलाज हो ही नहीं सकता तो और पिछले 10 साल में दिल्ली की आबादी 1.5 करोड़ से 3 करोड़ हो गई इस हिसाब से हॉस्पिटल भी दूने होने थे लेकिन मुश्किल से 2 हॉस्पिटल इन्होंने नए बनवाए हैं।बिजली फ्री केवल उनके लिए हैं जो 200 यूनिट तक बिजली चलाते हैं ।खुद केजरीवाल कहता है 17 लाख हाउस होल्ड सब्सिडी ले रहे है। 3 करोड़ के हिसाब से 60 लाख हाउसहोल्ड हुए। यानी 43 लाख नहीं ले रहे।
उनसे पूछिए कि बिजली के बिल पे कितना सरचार्ज लगता है। रेट क्या है? पानी के लिए तो केवल ये कहना काफी होगा कि पानी कितना साफ हो कर आता है जा कर किसी प्लांट से पता कीजिए। एलम किसी प्लांट के पास है ही नहीं। खत्म हो गया है। और बिजवासन का वीडियो तो आप गूगल कर लें। ट्रांसपोर्ट की भी सच्चाई सुन लीजिए । जहां मेट्रो चलने लगी है वहां से बस हटा कर उन इलाकों में लगा दिया जहां मेट्रो नहीं चलती नतीजा उस इलाके में छोटी दूरी जाने वाले जिनको एक या दो स्टॉप जाना है आधा घंटा से 40 मिनट वेटिंग हो गया है।आबादी दूनी हो गई बस घट गई। बिजली बिल न चुकता होने की वजह से बस बाहर नहीं निकल पाती क्योंकि वो चार्ज कहां करें। मैं तो भुगत रहा हूं । बज बजाती नाली टूटे सड़क और थोड़ी सी पानी में डूब जाती दिल्ली देख कर बस रोना आता है। आप का सपोर्टर होना तो ठीक है पर जिस ईमानदार आदमी का चोगा केजरीवाल ने ओढ़ा था वो भी उतर चुका है। ठग आदमी जनलोकपाल की बात कर के आया था। खुद पर आरोप लगे जेल से रह कर केस लड़ा। मुख्यमंत्री की कुर्सी पकड़े रहा ।इतना कौन गिरता है भाई।

Share this post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

scroll to top