जल्द से जल्द ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचने के लिए जहाँ एक तरफ तमाम मीडिया संस्थान सोशल मीडिया के इस्तेमाल पर जोर दे रहे हैं वहीं ‘बीबीसी’ (BBC) इससे तौबा करने का मन बना चुका है। ‘बीबीसी’ अपने पत्रकारों के लिए ट्विटर के इस्तेमाल को प्रतिबंधित करने पर विचार कर रहा है। यदि ऐसा होता है तो संवाददाताओं को खबरें ब्रेक करने या त्वरित विश्लेषण प्रदान करने के लिए इस ऑनलाइन प्लेटफार्म का इस्तेमाल न करने के लिए कहा जाएगा।
इसका कारण ‘बीबीसी’ की पॉलिटिकल एडिटर लौरा कुएंसबर्ग का वह ट्वीट है, जिसकी वजह से मीडिया संस्थान को आलोचना का सामना करना पड़ा था। चुनाव अभियान के दौरान लौरा का एक ट्वीट चर्चा में रहा, हालांकि उन्होंने बाद में अपनी गलती स्वीकार कर ली, लेकिन तब तक बवाल काफी ज्यादा बढ़ चुका था। इसी के चलते बीबीसी यह पाबंदी लगाने पर विचार कर रहा है।
लौरा कुएंसबर्ग ने ट्वीट किया था कि स्वास्थ्य सचिव मैट हेनकुक के समर्थक के साथ लेबर पार्टी के कार्यकर्ता ने मारपीट की, जबकि ऐसा कुछ नहीं हुआ था। लिहाजा, लौरा को फर्जी खबर फैलाने के लिए निशाना बनाया जाने लगा, साथ ही ‘बीबीसी’ की भी आलोचना हुई। लौरा की तरह ही ‘बीबीसी’ के उत्तरी अमेरिका के संपादक जॉन सोपेल के ट्वीट पर भी संस्थान को शर्मिंदगी उठानी पड़ी।
हाल ही में जॉन सोपेल ने एक ट्वीट किया था, जिसमें बराक ओबामा की अपने परिवार के साथ और डोनाल्ड ट्रम्प की बॉक्सर के गेटअप वाली फोटो थी, जिस पर लिखा था ‘थैंक्स गिविंग पोस्ट ऑफ बराक ओबामा और रियल डोनाल्ड ट्रम्प’। इस ट्वीट को लेकर जॉन के साथ-साथ ‘बीबीसी’ को भी निशाना बनाया गया।
‘द गार्जियन’ के अनुसार, बीबीसी की न्यूज एवं करंट अफेयर्स की निदेशक फ्रेंक अंसवर्थ पत्रकारों के ट्विटर के इस्तेमाल पर रोक लगाने का मन बना चुकी हैं। हालांकि, फ्रेंक के करीबियों का कहना है कि उनका इरादा सोशल मीडिया पर बैन का नहीं है, लेकिन वह ‘बीबीसी’ के सोशल मीडिया संबंधी दिशा-निर्देशों के कड़ाई से पालन के लिए कुछ कदम उठा सकती हैं।
पिछले हफ्ते ‘चैनल4’ ने अपने ऐसे पत्रकारों के करेंट अफेयर्स से जुड़े मामलों पर ट्वीट करने पर प्रतिबंध लगाया था, जिनका राजनीतिक खबरों की कवरेज से सीधा जुड़ाव नहीं है।