भाजपा ने पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के लिए बूथ और यूथ की रणनीति पर काम तेज कर दिया है। असम, पश्चिम बंगाल, तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में तो वह इसका लाभ लेगी ही, साथ ही वह इससे वह अगले लोकसभा चुनाव के लिए भी जमीन तैयार कर रही है। खास बात यह है कि इनका पार्टी प्लेटफार्म पर दिखना जरूरी नहीं होगा।
बूथ और यूथ अभियान संवाद और संपर्क का काम तो करेगा साथ ही भाजपा सोशल मीडिया पर ही ज्यादा सक्रिय रहेगा और लोगों तक पार्टी की पहुंच बनाएगा। सूत्रों के अनुसार यह जरूरी नहीं है कि इस अभियान से जुड़ने वाले युवा पार्टी के साथ किसी मंच पर सामने आएं या सड़क पर संघर्ष करते नजर आएं। इनको समसामयिक घटनाओं पर पार्टी व सरकार के रुख से लगातार अपडेट रखा जाएगा। आगे वह खुद ही उन सूचनाओं को आगे बढ़ाएगा।
कॉलेज में अध्ययनरत और रोजगार में लगे युवाओं को, डिजिटल और सोशल मीडिया प्रभावी है इसलिए पार्टी अपने इस अभियान का लक्ष्य बना रही है। भाजपा ने बीते साल अपने युवा मोर्चा का अध्यक्ष बंगलुरु के सांसद तेजस्वी सूर्या को बनाया है जो डिजिटल और सोशल मीडिया के जरिए युवाओं के बीच सक्रिय हैं। उनके साथ भाजपा को अपने इस काम में संघ से जुड़े संगठनों की भी मदद मिल रही है। खासकर अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद जिसका देश भर में अपना नेटवर्क है। विभिन्न कॉलेजों और अन्य संस्थानों में काफी बड़ी संख्या में युवा उससे जुड़े हुए हैं इनके जरिए भाजपा अन्य युवाओं तक भी पहुंच रही है और उनको प्रभावित करने की कोशिश कर रही है।
पांच राज्यों में चुनाव की तैयारी
एक प्रमुख नेता ने कहा है कि पांच राज्यों में विधानसभा के चुनाव की तैयारी पूरी हो चुकी है और अब उम्मीदवारों की घोषणा और मुख्य चुनाव प्रचार अभियान होना ही बाकी है। लेकिन पार्टी का यह अभियान आगे भी चलता रहेगा। दरअसल भाजपा की सोच 2024 के लोकसभा चुनावों की है। जहां उसे देश के सभी राज्यों में ऐसे युवाओं की जरूरत है जो भले ही बूथ पर खड़े दिखाई न दें लेकिन वहां के लोगों से संपर्क में रहें और उनको भाजपा के पक्ष में प्रेरित कर सकें।