अब, जबकि कोविड के बाद की स्थिति में आवश्यक ट्रेनों का परिचालन पूरे देश में आरम्भ होने लगा है, ऐसे में उक्त ट्रेन के परिचालन की आवश्यकता अहम है।
गीतांजलि शर्मा
देश में प्रतिष्ठित लोक नीति विश्लेषक और स्थानीय रामगढवा मौजे ग्राम निवासी गौरव कुमार मिश्र ने केंद्रीय रेल मंत्री को पत्र लिख कर रक्सौल पाटलिपुत्र इंटरसिटी एक्सप्रेस के परिचालन को आरंभ करने की मांग की है।
पत्र में उन्होंने लिखा है कि चंपारण अपनी ऐतिहासिक विरासत के साथ न केवल भारत के लिए महत्वपूर्ण है बल्कि वैश्विक स्तर पर इसकी अमिट छाप है। ऐसे में चंपारण के विकास की बात राष्ट्रीय मुद्दा है। साथ ही चंपारण वासी होने के कारण उनके लिए यह व्यक्तिगत महत्व भी रखता है।
उन्होंने राज्य की राजधानी को चंपारण से जोड़ने वाली इंटरसिटी ट्रेन के परिचालन के मुद्दे को गंभीर समस्या बताते हुए इसे तत्काल शुरू करने की मांग की है। पत्र में उन्होंने लिखा है कि माननीय प्रधानमंत्री जी के नेतृत्व में भारत का प्रत्येक क्षेत्र विकास के नए कीर्तिमान स्थापित कर रहा है.। देश का प्रत्येक भाग विकास की मुख्यधारा में शामिल हो रहा है। किन्तु विडंबना है या अधिकारियों की उदासीनता कि बिहार के उत्तर में अवस्थित पूर्वी और पश्चिमी चंपारण के लोग आज अपने प्रदेश के मुख्यालय तक पहुँचने के लिए एक अदद सार्वजनिक परिवहन के अभाव से जूझ रहे है।
इस पर गहरा दुख जताते हुए उन्होंने कहा है कि यह अत्यंत दुखद स्थिति है कि चंपारण वासी अपने अंतर्राष्ट्रीय महत्व को याद कर गौरवान्वित तो होते हैं, किन्तु इस प्रकार की मूलभूत सुविधा से वंचित हैं।
उन्होंने कहा है कि विगत कई वर्षों से रक्सौल- सुगौली- पाटलिपुत्र इंटरसिटी एक्सप्रेस ट्रेन (05201 और 05202 ) का परिचालन हो रहा था, जिससे दोनों चंपारण के लोग और नेपाल सीमा से लगे होने के कारण नेपाल के नागरिक भी इसका लाभ ले रहे थे। किन्तु करीब 2 वर्ष पूर्व कोविड के कारण इसका परिचालन बंद कर दिया गया। इससे परिवहन की असुविधा से लोगों को अपार कष्ट हो रहा है और इसके साथ राजस्व की हानि भी हो रही है।
अब, जबकि कोविड के बाद की स्थिति में आवश्यक ट्रेनों का परिचालन पूरे देश में आरम्भ होने लगा है, ऐसे में उक्त ट्रेन के परिचालन की आवश्यकता अहम है।
पत्र में उन्होंने सभी चंपारण वासियों की तरफ से उक्त ट्रेन के परिचालन को पूर्व स्थिति की भाँति आरम्भ कराने हेतु निवेदन किया है। जिससे न केवल प्रतिदिन सैकड़ो यात्रियों को लाभ होगा बल्कि इससे रेल राजस्व की वृद्धि भी होगी। इसके साथ ही राज्य की राजधानी से अंतर्राष्ट्रीय सीमा क्षेत्र का संपर्क भी स्थापित हो सकेगा।