मीडिया स्कैन टीम
पब्लिक हेल्थ में शोध के लिए प्रो. शामिका रवि को दादीदादा गौरव सम्मान-2021
भारतीय संस्कृति में ओल्ड एज होम यानि वृद्धाश्रम की कोई परपंरा नहीं है, अगर हम परिवार के वरिष्ठ जनों को सम्मान दे तो पूरे परिवार का माहौल सकारात्मक रहता है। यह कहना है भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय महामंत्री और राज्यसभा सांसद डॉ. अनिल जैन का।
कांस्टीटयूशन क्लब में दादीदादा फांउडेशन की ओर से आयोजित जेरियाट्रिक हेल्थ पर राष्ट्रीय सम्मेलन में बतौर विशिष्ट अतिथि डॉ. अनिल जैन ने कहा कि आज दुनियाभर में 60 साल या इससे अधिक आयु के 1 बिलियन से अधिक लोग हैं, इनमें से ज्यादातर लोग निम्न या मध्यम आय वाले देशों में जीवन बिता रहे हैं। इनमें से काफी लोग ऐसे हैं जिनके पास गरिमा के साथ सार्थक जीवन बिताने के लिए बुनियादी सुविधा व संसाधन भी उपलब्ध नहीं है। इनमे से बहुत से बुजुर्ग ओल्ड एज होम में जीवन बिता रहे हैं। डॉ जैन ने ओल्ड एज होम की खराब व्यवस्था को लेकर चिंता भी जताई। उन्होंने कहा कि संसद के अगले सत्र में इस मुद्दे को सदन में रखेंगे।
कोरोना महामारी की चर्चा करते हुए डॉ. जैन ने कहा कि महामारी के दौरान सभी आयु वर्ग के लोगों के जीवन पर खतरा बन गया है। लेकिन हमारे बुजुर्गों पर इसका खतरा ज्यादा है। संक्रमण के बाद इस वर्ग में मृत्यु दर, गंभीर बीमारी का खतरा बन गया है। वहीं 80 साल से अधिक आयु वर्ग के बुजुर्गो ने सामान्य आयु वर्ग के मुकाबले पांच गुना ज्यादा दर से दम तोड़ा है। उन्होंने कहा कि अगर हम बुजुर्गों के साथ खुशनुमा माहौल कार्यक्रम में बनाए तो न केवल उनके जीवन में बल्कि सभी परिजनों के जीवन में भी खुशहाली रहती है।
इस अवसर पर पब्लिक हेल्थ में शोध के क्षेत्र में अतुलनीय योगदान के लिए प्रोफेसर शामिका रवि को दादी दादा गौरव सम्मान 2021 से सम्मानित किया गया। प्रोफेसर शामिका रवि ने कहा कि वृद्धावस्था स्वास्थ्य एवं देखभाल पर शोध की आवश्यकता है। इसलिए ‘दादी दादा फाउंडेशन’ को इस दिशा में भी गम्भीर प्रयास करने आवश्यकता अपने संबोधन में दादी दादा फाउंडेशन के निदेशक मुनि शंकर पांडेय ने सरकार से निवेदन किया कि बुज़ुर्गों को ध्यान में रखते हुए उनके सही इलाज से जुड़ी एक पॉलिसी भी बनाई जाए। उन्होंने कहा ,”आज देश में 18 करोड़ बुज़र्ग हैं, इनके लिए कोई भी जेरियाटिक स्वस्थ नीति नहीं है। अलग अलग आयु वर्ग के लोगों का एक समान इलाज हो रहा है। यह सही नहीं है। एक स्वास्थ नीति बुज़ुर्गों के लिए एक मानक इलाज प्रणाली तय करेगी।’’
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र में भजपा के राष्ट्रीय प्रवक्ता गोपाल अग्रवाल जी ने कोरोना काल में अपने अनुभवों को साझा करते हुए बताया कि आज महानगरों में सबसे ज्यादा आवश्यकता नर्सिगं केयर स्टाफ की है। अकेले रह रहे बुजुर्गों के स्वास्थ्य की समस्या गम्भीर है। साथ ही सरकार के द्वारा बुजुर्गों के कल्याण के लिए किये जा रहे कार्यों का भी प्रसार नागरिक समाज को करना चाहिये। पैरेण्ट्स मेन्टेनेन्स ऐक्ट का जिक्र करते हुए अग्रवाल ने अपील की कानून है, लेकिन लागू करने के लिए जो अवसंरचना चाहिये वो नहीं है इसलिए सरकार के साथ मिलकर इस दिशा में भी कार्य करने की आवश्यकता है।
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि राष्ट्रीय अनसूचित जाति आयोग के चेयरमैन विजय सांपला ने कहा कि बुजुर्गों के सम्मान की भारतीय परम्परा रही है, युवा भारत को अपने बुजुर्गों का ध्यान रखना होगा। राज्य सभा सांसद अनिल जैन ने दादी दादा फाउंडेशन को आश्वस्त किया है कि वे आगामी संसद सत्र में सरकार से बुज़ुर्गों के लिए एक स्वास्थ्य नीति (जेरियाटिक हेल्थ पॉलिसी) की मांग करेंगे। कार्यक्रम में पूर्व ऊर्जा सचिव अनिल राज़दान, डा सचिन गुप्ता, डा राहुल भार्गव, डा एलके त्रिपाठी, और कई विशेषज्ञों ने अपने विचार साझा किये।