चन्द्रयान-3 के विक्रम लैंडर के चांद की सतह पर उतरने के बाद बेंगलूरू में इसरो टेलिमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड सेन्टर ने लैंडर मोड्यूल के पेलोड इल्सा, रम्भा और चास्टे को चालू कर दिया है। चन्द्रयान-3 के प्रोपल्जन मॉड्यूल के शेप पेलोड को कल चालू किया गया।लैंडर विक्रम से निकलकर रोवर चांद की सतह पर अब घूम रहा है। इसरो के अध्यक्ष एस सोमनाथ ने संवाददाता सम्मेलन में लैंडर और रोवर में लगे पेलोड के कार्यों के बारे में जानकारी दी।
इसरो ने कहा है कि चंद्रयान-3 के रोवर प्रज्ञान का गति संचालन शुरू हो गया है और मिशन निर्धारित समय पर चल रहा है। संगठन ने कहा कि यान की सभी प्रणालियाँ सामान्य रूप से काम कर रही हैं। इसरो के अध्यक्ष एस. सोमनाथ ने बताया कि लैंडर मॉड्यूल पेलोड चालू कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि लैंडर और रोवर पर लगे उपकरण अब चंद्रमा की खनिज संरचना और उसके वातावरण में भूकंपीय गतिविधियों का अध्ययन करेंगे। रोवर प्रज्ञान ने कल लैंडर विक्रम से बाहर निकल कर चंद्रमा पर भ्रमण किया।
सोमनाथ ने बताया कि इसरो भविष्य के कई मिशनों पर काम कर रहा है। उन्होंने कहा कि आदित्य एल वन के प्रक्षेपण के लिए काम चल रहा है। यह मिशन सूर्य – पृथ्वी की व्यवस्था के अध्ययन के लिए भारत का पहला अंतरिक्ष अभियान होगा। उन्होंने कहा कि भारत शुक्र ग्रह पर अध्ययन के लिए भी मिशन पर बिचार कर रहा है। उन्होंने कहा कि मानव रहित अंतरिक्ष मिशन और मानव को अंतरिक्ष में भेजने वाले मिशन गगनयान का कार्य भी प्रगति पर है।