25 सितंबर को तमिलनाडु भवन पर सनातन विरोधियों के विरुद्ध प्रदर्शन: स्वामी राघवानंद, महन्त नारायण गिरी

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शुक्रवार, 15 सितंबर शाम को सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा, दिल्ली के तत्वावधान में उदासीन आश्रम, आरामबाग, पहाड़गंज दिल्ली में एक विशाल सभा का आयोजन किया गया।

इस सभा की अध्यक्षता दिल्ली संत महामंडल एवं सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा के मार्गदर्शक महामंडलेश्वर पूज्य स्वामी राघवानंद जी महाराज ने की। अपने संबोधन में स्वामी राघवानंद जी महाराज ने तमिलनाडु सरकार के मंत्री उदय निधि, ए राजा तथा कर्नाटक के प्रियंक खड़गे द्वारा सनातन के ऊपर किए गये अभद्र टिपण्णी की निंदा की तथा सनातन धर्म के वसुधैव कुटुंबकम की चर्चा की।
उन्होंने इस आयोजन का उद्देश्य बताते हुए कहा कि जो सनातन धर्म के विरुद्ध गलत प्रचार करते हैं तथा इसको नष्ट करने की बात कर रहे हैं, उन्हें जानकारी नहीं है कि सनातन सदा से था, है और रहेगा।

इस सभा में सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा, दिल्ली संत महामंडल के साथ विश्व हिंदू परिषद, दिल्ली के पदाधिकारी भी बड़ी संख्या में उपस्थित हुए एवं सभा में आए पूज्य संतों और अन्य हिंदू संगठनों के प्रतिनिधियों ने अपनी-अपनी बात रखी।

दिल्ली संत महामंडल के अध्यक्ष एवं दुधेश्वरनाथ पीठाधीश्वर , श्री महंत नारायण गिरी जी महाराज ने अपने संबोधन में इस विरोध कार्यक्रम को सफल बनाने के लिए सभी संतों से अधिक संख्या में भाग लेने का अनुरोध किया और उन्होंने जंतर-मंतर के बजाय तमिलनाडु भवन पर सनातन धर्म रक्षा मंच के बैनर तले विरोध प्रदर्शन का सुझाव रखा जो सर्व सम्मति से स्वीकार किया गया।

दिल्ली संत महा मंडल के महामंत्री महंत श्री नवल किशोर दास जी भी आगामी प्रदर्शन के लिए हर संभव सहयोग देने का निवेदन दिया।

विश्व हिन्दू परिषद के दिल्ली प्रांत अध्यक्ष श्री कपिल खन्ना ने भी विरोध के कारणों पर प्रकाश डाला। उनके साथ श्री सुरेन्दर गुप्ता जी, महामंत्री दिल्ली प्रांत, विश्व हिन्दू परिषद ने भी इस कार्यक्रम हेतु तन-मन, धन से पूरा सहयोग देने की बात की।

दिल्ली संत महामंडल के संगठन मंत्री महामंडलेश्वर स्वामी आचार्य कंचन गिरी जी ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि धर्म, प्राण और प्रतिष्ठा की तरह ही महत्वपूर्ण है। इसलिए हमारे सनातन धर्म को लेकर अभद्र टिपण्णी करने वालों के विरुद्ध ऐसा विरोध होना चाहिए जिससे इस प्रकार की टिपण्णियां की पुनरावृत्ति का कोई दुस्साहस न कर सके और हमारी अगली पीढ़ी में भी हमारे धर्म व संस्कृति के प्रति इज्जत और विश्वास कायम रहे।

इस सम्मेलन में हिन्दू धर्म को मानने वाले और किसी भी धर्म का अपमान न हो, ऐसे विचार धारा वाले सभी धार्मिक संगठनों को भी इस विरोध प्रदर्शन में शामिल करने का प्रस्ताव पारित किया गया।

सनातन धर्म प्रतिनिधि सभा दिल्ली के अध्यक्ष श्री भूषण लाल पाराशर जी ने सभा का संचालन किया। श्री पाराशर जी ने अपने उद्बोधन में बताया कि सनातन धर्म का सृष्टि की रचना के साथ ही अविर्भाव हुआ जो लगभग दो अरब वर्ष पुराना है। यह अनादि है, अनंत है और साश्वत है। अन्य सभी धर्म मात्र दो हजार वर्ष पुराने हैं।

इस सभा में महन्त श्री धीरेन्द्र पुरी जी ,कोषाध्यक्ष दिल्ली सन्त महामण्डल, महन्त ओमप्रकाश गिरी जी,क़रोल बाग, महन्त गिरीशानन्द गिरी जी, देवी मंदिर, ग़ाज़ियाबाद, महन्त नारायण गिरी जी, गुप्ता कालोनी, महन्त अजब दास जी, लोनी, महन्त शिवचन्द्रानन्द गिरी जी, देवी मन्दिर मुखर्जी नगर, महन्त मंगल दास उदासीन, कोतवाल दिल्ली सन्त महामण्डल, महन्त कृष्णा दास जी, महन्त श्याम गिरी जी, दीक्षानंद जी महाराज, आचार्य राम मिलन शुक्ल जी, योगी उमेश्वरानंद गिरी जी, साध्वी ज्योति गिरी जी, साध्वी पार्वती गिरी जी, स्वामी चंद्रदेव जी महाराज, स्वामी विवेकानंद जी महाराज सहित अन्य पूज्य संतों सहित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के करोल बाग जिला के संघचालक श्री अशोक सचदेवा जी भी उपस्थित रहे।

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