ऐसा लगता है कि जयपुर लिटरेचर फेस्टिवल पर जो लेफ्ट लिबरल का फेस्टिवल होने का जो आरोप लगता था, आने वाले समय में ऐसा कह पाना कठिन होगा। जेएलएफ की आयोजको में से एक नमिता गोखले ने आरएसएस के वरिष्ठ कार्यकर्ता मनमोहन वैद्य को किताब लिखने के लिए ही बार बार प्रेरित नहीं किया बल्कि उनके लिए प्रकाशक की भी तलाश की। यह जानकारी अपने किताब के लोकार्पण के दौरान श्री वैद्य ने स्वयं दी।
जयपुर लिटरेचर फेस्टीवल की नमिता गोखले को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सह सरकार्यवाह ने अपनी पुस्तक के लोकार्पण कार्यक्रम में बार-बार याद किया।
उन्होंने बताया कि उनकी किताब ‘वी एंड द वर्ल्ड अराउंड’ पुस्तक साकार रूप में वाणी प्रकाशन से आई है तो इसका श्रेय नमिता गोखले को जाता है। वाणी की तलाश मनमोहन वैद्य के लिए नमिता गोखले ने ही की थी।
मनमोहन वैद्य ने लोकार्पण के अवसर पर अपने वक्तव्य के प्रारंभिक अंश में गोखले का उल्लेख करते हुए कहा- यह लेख एक पुस्तक रूप में प्रकाशित होना इसके पीछे नमिता गोखले की मुख्य संकल्पना है। उनकी कोशिश है।
उन्होंने आगे कहा- नमिता से मेरा परिचय प्रज्ञा ने कराया। जेएलएफ में ले जाकर एक संभव ना होने वाली बात प्रज्ञा की वजह से संभव हुई। इसलिए प्रज्ञा का भी यहां रहना खास महत्व का है।
अपनी बात जारी रखते हुए श्री वैद्य ने कहा- इसीलिए पुस्तक लोकार्पण में नमिता को बुलाया गया। वे स्वयं आने वाली थीं। अनेक प्रकाशनों से इस किताब के लिए उन्होंने बात की, वाणी प्रकाशन भी उन्हीं की खोज है। आज पुस्तक का लोकार्पण हो रहा है। धन्यवाद नमिता।