उच्चतम न्यायालय ने ज्ञानवापी मस्जिद विवाद से जुड़े मामले को एकल-न्यायाधीश पीठ से स्थानांतरित करने के इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश प्रीतिंकर दिवाकर के आदेश में हस्तक्षेप करने से इनकार कर दिया है। उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश ने ज्ञानवापी मामले को एकल-न्यायाधीश पीठ से वापस ले लिया था जो 2021 से मामले की सुनवाई कर रही थी।
मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़, न्यायमूर्ति जेबी पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा की पीठ ने मस्जिद के प्रबंधन अंजुमन इंतजामिया मस्जिद द्वारा दायर अपील को खारिज कर दिया। शीर्ष अदालत ने कहा कि “कुछ चीजें उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के दायरे में ही रहनी चाहिएं।
याची ने अपनी अर्जी में कहा था कि ज्ञानवापी परिसर में साल 1993 से हिन्दुओं का प्रवेश रोक दिया गया है। साल में एक बार श्रृंगार और गौरी पूजन की अनुमति दी जाती है, जबकि गैर हिन्दुओं का प्रवेश भारी संख्या में हो रहा है। याचिका ने दावा किया था कि वे लोग हिन्दू प्रतीक चिह्नों को पेंट कर के छिपा रहे हैं। साक्ष्य नष्ट करने की कोशिश की जा रही है. जनहित याचिका में इस पर रोक लगाने की मांग की गई थी। हाई कोर्ट ने हस्तक्षेप करने से इंकार करते हुए याचिका को निस्तारित कर दिया।