वनवासी कल्याण आश्रम द्वारा भगवान बिरसा मुंडा जयंती का आयोजन

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राजीव रंजन 
26 नवंबर, रविवार को वनवासी कल्याण आश्रम के दक्षिणी विभाग एवं आर. के. पुरम विभाग (दिल्ली प्रान्त) के संयुक्त तत्वावधान में जनजातीय गौरव दिवस एवं भगवान बिरसा मुंडा जयंती कार्यक्रम का आयोजन हुआ। इसका आयोजन नई दिल्ली के नेहरू नगर स्थित जी.एल.टी. सरस्वती बाल मंदिर सीनियर सेकेंड स्कूल में किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि दिल्ली सरकार में प्रशासनिक अधिकारी श्री अनिल वर्मा जी थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व निगम पार्षद एवं समाजसेवी श्री रमेश पहलवान जी ने की। कार्यक्रम में मुख्य वक्ता के तौर पर दिल्ली प्रांत के उपाध्यक्ष श्री तिलक चांदना जी उपस्थित रहे। साथ ही, दिल्ली प्रांत की कार्यकारिणी सदस्य डॉ. नीतू मोनी ककाती भी उपस्थित थीं। दक्षिण विभाग के सचिव श्री सुनील वर्मा ने मंच पर उपस्थित विशिष्ट अतिथियों का परिचय करवाया। मंत्रोच्चार के साथ दीप प्रज्ज्वलित कर विशिष्ट अतिथियों ने कार्यक्रम की शुरुआत की। रंगारंग कार्यक्रम में एकल गीत के साथ कई सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गईं, साथ ही मंच पर कई विशिष्ट अतिथियों का सम्मान भी किया गया। इसके साथ ही, भगवान बिरसा मुंडा और अन्य आदिवासी क्रांतिकारियों पर वृत्तचित्र भी दिखाया गया। मंच संचालन डॉ. दीपक कुजूर ने किया।
सांस्कृतिक प्रस्तुतियों में डॉ. सीमा और डॉ. मेखला ने सामुहिक गीत की प्रस्तुति दी। विनोद बोहरा जी ने वनवासी वीरों पर आधारित देशभक्ति गीत गाया। इस बीच दिल्ली विश्वविद्यालय की छात्रा यतिका शर्मा ने ओडिशा और ग्लोरी साकिया ने असम का लोक नृत्य प्रस्तुत किया, वहीं दिल्ली विश्वविद्यालय के छात्रों- चिराग एवं साथियों ने दार्जीलिंग का लोकगीत प्रस्तुत कर समां बांध दिया।
कार्यक्रम के मुख्य वक्ता तिलक चांदना जी ने वनवासी और आदिवासी के बीच का अंतर समझाया। उन्होंने कहा कि ये दोनों शब्द एक दूसरे के पर्यायवाची नहीं है, बल्कि इतिहास में ब्रिटिश शासन के दौरान इतिहास लेखन में हुई त्रुटियों के परिणामस्वरूप इन शब्दों को एक दूसरे का पर्याय मान लिया गया, जबकि ऐसा नहीं है। उन्होंने अपने संबोधन में यह भी कहा कि आदिवासी भारत के मूल निवासी हैं। उन्होंने प्राचीनकाल, मध्यकाल और आधुनिक काल में जनजातीय लोगों के गौरवपूर्ण इतिहास पर भी प्रकाश डाला। कार्यक्रम के अध्यक्ष ने कार्यक्रम के आयोजकों को धन्यवाद देते हुए कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को समाज के लिए उत्तरदायी होना चाहिए और अपने गांव-समाज से जुड़ा रहना चाहिए। उन्होंने भारत के विभिन्न गांव से आए लोगों की सराहना करते हुए कहा कि हर व्यक्ति की जड़ें गांव से जुड़ी हैं।
कार्यक्रम में उपस्थित मुख्य अतिथि ने कार्यक्रम के सफल आयोजन के लिए सभी की सराहना की। कार्यक्रम में उपस्थित विशेष अतिथियों का सम्मान डॉ. सुमित दहिया, सुरजीत, डॉ. अर्चना, डॉ. एंजेला, डॉ. सीमा, डॉ. मेखला, डॉ. विनोद और बदरपुर जिले के अध्यक्ष श्री मन मोहन जी ने अतिथियों को पटका पहनाकर और जनजातीय गौरव पुस्तक देकर किया। दक्षिणी विभाग के सह सचिव डॉ. नितिन ने कार्यक्रम को सफल बनाने में सभी लोगों का बारी-बारी से धन्यवाद ज्ञापन किया। अंत में कार्यक्रम का समापन आर. के. पुरम विभाग के प्रचार प्रमुख श्री नरेन्द्र सिंह जी द्वारा प्रस्तुत वंदे मातरम् गीत के साथ हुआ। इस पूरे कार्यक्रम का सफल आयोजन वनवासी कल्याण आश्रम के प्रांत सह सचिव सीए कैलाश जोशी जी के मार्गदर्शन में हुआ।

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