मणिपुर के सबसे पुराने उग्रवादी समूह ने बुधवार का शाम अपने हथियार छोड़ दिए हैं। मणिपुर के यूनाइटेड नेशनल लिबरेशन फ्रंट ने शांति समझौते पर हस्ताक्षर कर दिए हैं।
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने उत्तर-पूर्वी राज्य मणिपुर को लेकर बड़ी जानकारी शेयर की है। बता दें कि मणिपुर पिछले कई महीनों से अशांत रहा है, जहाँ महिलाओं को नग्न कर उनका जुलूस निकाले जाने और उनके सामूहिक बलात्कार तक के मामला सामने आए थे। आगजनी की तो कई घटनाएँ सामने आई थीं। अब अमित शाह ने बताया है कि मणिपुर में बड़ी संख्या में उग्रवादियों ने हिंसा का रास्ता त्याग कर मुख्यधारा में लौटने का फैसला लिया।
शाह ने सभी का लोकतांत्रिक व्यवस्था में स्वागत किया है साथ ही शांति एवं विकास के रास्ते पर उनकी उन्नति की कामना की है। एक वीडियो भी शेयर किया, जिसमें UNLF के सभी उग्रवादी अपनी-अपनी बंदूकें सौंप रहे हैं। तस्वीरों में कई उग्रवादियों को पंक्ति में खड़े देखा जा सकता है।
जबकि उनके हथियारों को भी जमीन पर रखा गया है। पिछले 59 वर्षों से मणिपुर में सक्रिय UNLF अलगाववादी विचारधारा वाला संगठन रहा है, जिसकी स्थापना 24 नवंबर, 1964 को हुई थी।