छत्तीसगढ़ की पत्रकारिता का पोपटलाल

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अनिल पुसदकर

दुनिया पर तो सब हंस लेते हैं,पर खुद पर हंसने का जिगर रखता है रायपुर का पत्रकार पोपटलाल सुधीर तम्बोली आज़ाद टीवी सीरियल के पोपटलाल से उन्नीस नही बीस ही है

दुबला पतला आंखो पर नजर का चश्मा,बस हाथ में छत्री की कमी,नही तो रायपुर के सुधीर तांबोली किसी भी सूरत में तारक मेहता के पोपटलाल से कम नही।इत्तेफाक देखिए शादी भी नही हुई,और पोपटलाल से कम सपने भी नही देखते।

सबसे बड़ी बात उस पोपटलाल की तरह हर समय दुनिया को हिला कर रख देने को तैयार,भले ही बाद में खुद हिल जाए,लेकिन जोश उस पोपटलाल से कही कम नही और उस पोपटलाल की तरह हर मामले में टांग अड़ाने को तैयार।खासकर पत्रकारों के मामले में।
आज विज्ञापन के भरपूर दबाव के दौर में भी बिना किसी बात की परवाह किए सुधीर राज्य ही नही देश में कही भी जाने के लिए एक टांग पर तैयार रहता है।जब बड़े बड़े संगठन के पदाधिकारी शुतुरमुर्गी स्टाइल में पतली गली से निकल जाते है,तो फिर सामने आता प्रेस क्लब का पोपटलाल,सुधीर।बिना अंजाम की परवाह किए,बिना किसी की नाराजगी की चिंता किए,हमेशा ओखली में सर देने को तैयार।

शुरू शुरू में आया तो उसकी अजीबोगरीब ड्रेस डिजाइनिंग ने चौंका दिया था,पूछा तो पता चला उल्टी खोपड़ी है और आजाद है।लगा शुरू शुरू में सभी उल्टी खोपड़ी वाले होते है जो समय की मार खाकर सीधे भी हो जाते है और फिर आजादी भी कही गिरवी रख कर आ जाते है।मगर सालों बीत गए,मगर सुधीर नही बदला।वो उल्टी खोपड़ी ही है और आजाद भी।

तो कैसा लगा तारक मेहता के टक्कर में अनिल पुसदकर का पोपटलाल। बताइएगा जरूर।।

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