वाशिंगटन स्थित एक अवार्ड विनिंग पत्रकार रोहित शर्मा कांग्रेसी गुंडों में फंस गए

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वरिष्ठ पत्रकार अशोक श्रीवास्तव ने एक प्रस्तव रखा है कि बुधवार (18 सितम्बर 2024) को प्रेस क्लब पर रोहित शर्मा के लिए इकट्ठा होना चाहिए। यहां बात रोहितकी नहीं है, पत्रकारिता की है। इसलिए इकट्ठा रोहित के लिए नहीं, पत्रकारिता पर हुए हमले के लिए होना है। जिन्हें रोहित का पता नहीं, उसके साथ क्या हुआ यहपता नहीं। उनके लिए पूरी कहानी संक्षेप में यहा प्रस्तुत है

कहानी कुछ यूं है कि…

राहुल गांधी की टीम ने डलास, टेक्सास में पत्रकार रोहित शर्मा के साथ एक इंटरव्यू के दौरान अभद्र व्यवहार किया, उनके फोन से इंटरव्यू की रिकॉर्डिंग जबरन डिलीट करदी। यह घटना राहुल गांधी के प्रेस स्वतंत्रता के दावों के विपरीत है। विडंबना देखिए कि वे अपनी अमेरिका यात्रा में भारत में घटती मीडिया स्वतंत्रता पर चिंता जाहिर करतेहैं और उनकी पार्टी के लोग एक पत्रकार के साथ गुंडों जैसा व्यवहार करते हैं।

रोहित ने सैम पित्रोदा से साक्षात्कार के लिए समय लिया और तय समयानुसार, शाम 7:30 बजे के आसपास इरविंग, टेक्सास के रिट्ज कार्लटन होटल पहुंच गए। वहां सेरोहित को सैम के विला ले जाया गया। वहां लगभग 30 लोग थे, जिनमें कुछ लोग भारत से आए थे और कुछ IOC यूएसए से।

पत्रकार को अपने हाल पर छोड़कर निकल गए सैम

वहां रोहित को इंटरव्यू देने के लिए सबको शांत रहने को कहा। रोहित ने अपना फोन रिकॉर्डिंग के लिए सेट किया और बात शुरू हुई। सैम ने मेरे चार सवालों का बेहतरीनजवाब दिया, राहुल की यात्रा के प्रति आशा को बढ़ाते हुए, पीएम नरेंद्र मोदी के आगामी अमेरिकी दौरे की तुलना करते हुए, और एनआरआई समुदाय से जुड़े मुद्दों पर बातकी। लेकिन रोहित के आखिरी सवाल के बाद वहां सब कुछ बदल गया। ‘क्या राहुल गांधी यूएस के सांसदों से बांग्लादेश में मारे जा रहे हिंदुओं के बारे में चर्चा करेंगे?’

सैम ने जवाब देना शुरू ही किया था, ‘ये राहुल और सांसदों पर निर्भर करता है कि वे क्या मुद्दे उठाते हैं, मैं उनकी ओर से नहीं कह सकता…’ तभी वहां माहौल बदल गया।एक व्यक्ति ने चिल्लाते हुए कहा कि यह सवाल ‘विवादास्पद’ है, और अन्य लोग भी इसमें शामिल हो गए। तभी राहुल गांधी की एडवांस टीम के एक सदस्य ने रोहित काफोन छीन लिया और चिल्लाने लगे, ‘बंद करो! बंद करो!’ एक व्यक्ति ने रोहित का माइक छीनने की कोशिश की, लेकिन रोहित ने उसे नहीं दिया। फिर भी उस टीम नेजबर्दस्ती रिकॉर्डिंग रूकवा दी और फोन रोहित के हाथ से छीन लिया। यह सब सैम के सामने हो रहा था। उन्होंने बीच बचाव करने की जगह, अपने गुंडों को समझाने कीजगह, पत्रकार को अपने हाल पर छोड़ दिया।

सैम के जाने के बाद क्या हुआ?

15 लोग कमरे में रह गए और रोहित से इंटरव्यू का आखिरी सवाल डिलीट करने के लिए दबाव डालने लगे। पत्रकार रोहित उन्हें समझाने कोशिश करते रहे कि सवाल मेंकुछ भी विवादास्पद नहीं है और उनकी हरकतें अनैतिक हैं। लेकिन वे कुछ भी सुनने को तैयार नहीं थे और बिना रोहित की इजाजत के उनके फोन में छेड़छाड़ करने लगे, फाइनली इंटरव्यू डिलीट भी कर दिया। इसके लिए उनके चेहरे के पास ले जाकर उनका फोन अनलाक किया गया। 30 मिनट तक एक पत्रकार की प्राइवेसी औरपत्रकारिता की हर मर्यादा का उल्लंघन करने के बाद, कांग्रेसी गुंडे शांत हुए।

एक तरफ राहुल गांधी ने अमेरिकी मीडिया से भारत में मीडिया की घटती आजादी पर बात की और उनकी ही पार्टी के गुंडों ने एक पत्रकार को चुप कराने में कोई कसर नहींछोड़ी। उन्होंने यह मुद्दा हर अमेरिकी दौरे पर उठाया है, लेकिन लगता है कि प्रेस की स्वतंत्रता का मूल्य उनकी अपनी पार्टी कार्यकर्ताओं के लिए नहीं है।

कांग्रेस-आईटी सेल आई हरकत में

भारत में हर तरफ कांग्रेसी गुंडों और कांग्रेस पार्टी की थू थू होने लगी तो कांग्रेस आईटी सेल ने एक प्रेस क्लब इवेंट के मॉडरेटर से राहुल गांधी के सामने यही सवाल कराकेकि – ‘क्या वह बांग्लादेश में हिंदुओं की हत्या का मुद्दा उठाएंगे?’ कांग्रेस पार्टी के आधिकारिक एक्स हैंडल से ट्वीट भी कर दिया है। लेकिन अब देर हो चुकी है। कांग्रेस पार्टीका चरित्र देश के सामने एक बार फिर उजागर हो चुका है।

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