पंकज कुमार झा
– पूज्यनीय गुरु प्रकाशमुनि के आश्रम पर कांग्रेसियों द्वारा हमला। बलौदबाजार में कलक्टर/एसपी का कार्यालय जला कर हिंसा किया जाना, जिसमें विधायक की संलिप्तता के इतने मजबूत साक्ष्य हैं कि उनकी जमानत तक नहीं हो पा रही है।
– रायपुर जेल प्रांगण में गोलीबारी, दो शांतिदूत गिरफ्तार।
– सूरजपुर में पुलिस अधिकारी की पत्नी और बच्ची की कांग्रेस के बड़े नेता द्वारा जघन्य हत्या।
सिलसिला रुकने का नाम ही नहीं ले रहा है। हर जगह अपराध को कांग्रेस के लोगों द्वारा अंजाम देना, और फिर उस अपराध पर हल्की और सस्ती राजनीति उसके बड़े नेताओं द्वारा करना!
ऐसा लगता है कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल और उनकी पार्टी ने सत्ता में रहते हुए पूरे पांच वर्ष अपने लोगों को अपराध की ट्रेनिंग देने में ही खर्च किया है। आज कांग्रेस पार्टी मानो जरायम पेशा वाले लोगों का गिरोह मात्र होकर रह गयी है।
आज भी दुर्भाग्य से प्रदेश में कांग्रेस का एक बड़ा जनाधार है, लेकिन जनता द्वारा मिली उस ताकत का उपयोग कांग्रेस यहां भी केवल अराजकता और आतंक फैलाने में कर रही है। दुःख की बात यह है कि कांग्रेस का राष्ट्रीय नेतृत्व भी कुछ करने की स्थिति में नहीं है क्योंकि राहुल गांधी स्वयं अपनी निरंतर हार की बौखलाहट में सरगना जैसा व्यवहार कर रहे हैं।
कांग्रेस को कवि गोपाल दास नीरज के शब्दों में यही कहा जा सकता है :-
आग लेकर हाथ में पगले जलाता है किसे
जब न ये बस्ती रहेगी, तू कहां रह पायेगा!
नोट : फोटो रायपुर जेल प्रांगण में गोलीबारी करने वाले तीन अपराधियों में से एक का बताया जा रहा है। दो गिरफ्तार हो चुके हैं। क्या तीसरे को ‘संरक्षण’ में छिपा कर रखा गया है? सवाल तो बनता है।