झारखंड पहुँचा ‘बंटोगे तो कटोगे’ का नारा- कितना होगा असर

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Caption:BBC

बांग्लादेशी और रोहिंग्या मुसलमानों की घुसपैठ से त्रस्त झारखंड राज्य के लिए वर्ष 2024 का विधानसभा चुनाव बहुत ही महत्वपूर्ण है। समृद्ध खनिज भंडार वाले इस राज्य की जनसांख्यकी (डेमोग्राफी) में विगत वर्षों में बड़ा असुंतलन व्याप्त हो गया है और पहली बार भारतीय जनता पार्टी ने इस विषय को ही अपना चुनावी विषय बनाया है। साथ ही परिवारवाद व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के भ्रष्टाचार के काले कारनामे भी हवा में तैर रहे हैं। हरियाणा विधानसभा चुनाव परिणाम आने के पूर्व राज्य में एक अलग तरह का वातावरण था क्योंकि सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही हरियाणा के चुनाव परिणामों की प्रतीक्षा कर रहे थे। हरियाणा का चुनाव परिणाम आ जाने के बाद देश का राजनैतिक वातावरण एकदम से बदल गया। झारखंड और महाराष्ट्र सहित जहां -जहां विधानसभा उपचुनाव होने जा रहे हैं सभी जगह एनडीए और इंडी दोनों गठबंधनों का गणित बदल गया है।

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का नारा “बंटेंगे तो कटेंगे” हरियाणा से होता हुआ बांग्लादेश और कनाडा तक पहुंच गया है। भारतीय जनता पार्टी के नये नारे का प्रभाव स्पष्ट दिखाई दे रहा है जिसके कारण जाति के आधार पर हिंदू समाज को विभाजित कर सत्ता हथियाने वाले विपक्षी दलों के चेहरे पर तनाव व्याप्त हो गया है । मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नये नारे की लोकप्रियता इसी बात से समझी जा सकती है कि झारखंड से लेकर महाराष्ट्र तक उनके नारे के साथ पोस्टर लगाये जा रहे हैं। झारखंड में 10 बुलडोजरों के साथ उनका भव्य स्वागत किया गया।

झारखंड में भारतीय जनता पार्टी पहली बार इतनी आक्रामकता के साथ हिंदुत्व की बात करते हुए चुनाव प्रचार कर ही है जिसका नेतृत्व असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा सरमा व केन्द्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह चौहान के हाथ में है। असम के मुख्यमंत्री हिमंता जो अपने राज्य असम में बांग्लादेशी घुसपैठ की समस्या से जूझ रहे हैं ने अपनी चुनावी जनसभाओं में इसे बहुत ही आक्रामक ढंग से उठाया है और वे स्पष्ट रूप से कह रहे हैं कि यह चुनाव किसी विधायक को चुनने का नहीं है अपितु अपना अस्तित्व बचाने का है। जब हम हिंदू बचे रहेंगे तभी तो आपना विधायक और सांसद चुन सकेंगे, अपनी सरकार चुन सकेंगे। मुख्यमंत्री हिमंता का कहना है कि देश के हर कोने में जहां- जहां बाबर बसे हैं उन्हें ढूंढ ढूंढकर देश से भगाया जाएगा।

राज्य में भारतीय जतना पार्टी ने माटी, रोटी और बेटी बचाने का संकल्प लिया है और समाज की चार जातियों महिला, किसान, युवा और गरीब जनता के लिए वादों का पिटारा खोलते हुए उत्तराखंड व गुजरात की तरह राज्य में समान नागरिक संहिता लागू करने का निश्चय व्यक्त किया है । जबकि मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन का कहना है कि वह किसी भी कीमत पर समान नागरिक संहिता लागू नहीं होने देंगे। आज झारखंड राज्य की जो दयनीय स्थिति हो गई है उसके पीछे हेमंत सोरेन सरकार का परिवारवाद, उससे पनपा अथाह भ्रष्टाचार और फिर मुस्लिम तुष्टिकरण ही तीन प्रमुख कारण हैं। राज्य का हिंदू व आदिवासी समुदाय तो ईसाई मतांतरण व मुस्लिम लव जिहाद, लैंड जिहाद के जाल में फंसकर अल्पमत में आता जा रहा है। राज्य में मुस्लिम तुष्टिकरण के कारण हालात यह हो गये हैं कि झारखंड में 100 से अधिक सरकारी स्कूलों में रविवार का अवकाश ही समाप्त कर दिया गया और मुस्लिम बहुल इलाकों के सरकारी स्कूलों में हिंदू बच्चों से कहा गया कि आप हाथ जोड़ कर प्रार्थना मत करिये, यहां पर हाथ जोड़ने वाली परम्परा हटा दी गई हैं क्योकि हिंदू अल्पसंख्यक हैं । देश के कुछ अन्य हिस्सों की तरह ही झारखंड में भी हिंदू पर्वों पर मुसलमानों द्वारा हमलों की बाढ़ सी आ जाती है। झारखंड की जनता 22 जनवरी 2024 को रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का समारोह न देख पाए इसलिए मुस्लिम तुष्टिकरण के लिए जानबूझकर कई जिलों में बिजली सप्लाई तक बाधित कर दी गई थी। राज्य में लव जिहाद के कई क्रूर प्रकरण हिंदू संगठनों की सक्रियता के कारण मीडिया में आ गए किंतु राज्य सरकार हर घटना को दबाती रही।

अब झारखण्ड की राजनीति बदलने के लिए हिमंता और शिवराज के साथ यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जनसभाओं का आरम्भ हो चुका है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी की रैलियों ने वातावरण में जोश भर दिया है। पीएम मोदी ने स्पष्ट कर दिया कि झारखण्ड विधानसभा चुनावों में इस बार बांग्लादेशी घुसपैठ के साथ ही रोटी -बेटी और माटी के साथ-साथ नोटों के पहाड़ का मुद्दा भी जोर- शोर से उठाया जाएगा। झारखंड की जनसभाओं में प्रधानमंत्री मोदी ने परिवारवाद, भ्रष्टाचार, घुसपैठ और आदिवासियों के मुद्दे पर हेमंत सोरेन पर जमकर प्रहार किया। पूर्व मुख्यमंत्री चंपई सोरेन के साथ जो व्यवहार किया गया वह भी बीजेपी की जनसभाओं में जनता को याद दिलाया जा रहा है। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन पर अपने चुनावी हलफनामे में अपनी उम्र को लेकर गलत जानकारी देने का आरोप लग चुका है तथा बीजेपी की ओर से उनका नामांकन रद्द करने तक की मांग गई थी।
झारखंड में कमल खिलाने में एक और व्यक्ति जिसकी भूमिका महत्वपूर्ण होगी वो हैं उप्र के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जो अपनी जनसभाओं में फुल फॉर्म में दिखाई दिए हैं। प्रचार के आरम्भ में ही उन्होंने कहाकि अपनी ताकत का एहसास कराइए जातियों में बंटना नहीं है जाति के नाम पर कुछ लोग बांटेंगे लेकिन आप लोग एक रहिए नेक रहिए। मुख्यमंत्री योगी ने सोरेन सरकार में मंत्री रहे आलमगीर आलम के घर से भारी मात्रा में कैश बरामद होने पर उनकी तुलना औरंगजेब से करी और कहाकि औरंगजेब ने देश को लूटा था मंदिरों को नष्ट किया था, उसी तरह झारखंड मुक्ति मोर्चे का एक मंत्री था जिसका नाम था आलमगीर। आलमगीर आलम जिसके घर से नोटों की गड्डियाँ मिली थीं।

आजकल बांग्लादेश से लेकर कनाडा तक हिंदुओं के मदिरों व उनके पर्वों को निशाना बनाते हुए उन पर हमले किये जा रहे हैं। इन हमलों को संज्ञान में लेते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समग्रता के साथ अपील कर रहे हैं कि अपनी ताकत का अनुभव करवाइए , जातियों में बंटना नहीं है जाति के नाम पर कुछ लोग आपको बांटेंगे । स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद से कांग्रेस व विपक्ष यही काम करती आ रही है। ये लोग बांग्लादेशी घुसपैठियों, रोहिंग्या आदि को बुला रहे हैं जो एक दिन आपको घर के अन्दर घंटी और शंख भी नहीं बजाने देंगे। इसलिए एक रहिए नेक रहिए। मैं तो कहता हूं कि जब भी बटे हैं निर्ममता से कटे हैं।

राजनैतिक विश्लेषकों का अनुमान है कि पिछले दिनों जिस प्रकार कनाडा में हिंदू मंदिर पर हमला किया गया और फिर वहां की पुलिस ने भी हिंदुंओं को ही आरोपी बना डाला उसका स्वयं प्रधानमंत्री ने तीखा विरोध किया वहीं दूसरी ओर कांग्रेस के नेतृत्व वाले इंडी गठबंधन के किसी भी नेता ने हिंदुओं पर हो रहे हमलो की निंदा तक नहीं की जिसका असर गठबंधन की चुनावी संभावनाओं पर पड़ सकता है। माना जा रहा है कि मुख्यमंत्री योगी के नये नारे का ही प्रभाव है कि अब बांग्लादेश से लेकर कनाडा तक का हिंदू पूरी एकजुटता के साथ सड़कों पर उतर कर आंदोलन कर रहा है। कनाडा के हिंदुओं ने भी योगी जी के नारों “बटेंगे तो कटेंगे तथा एक रहेंगे तो सुरक्षित रहेंगे, नेक रहेंगे“ जैसे नारो का उद्घोष कर अपनी शक्ति का प्रदर्शन किया है।

योगी जी के नारों से विपक्षी खेमा हताश है और आरोप लगा रहा है कि बीजेपी ध्रुवीकरण कर सत्ता प्राप्त करना चाहती है। विपक्षी खेमे में की हालत यह है कि योगी जी बोल झारखंड में रहे थे किंतु उन पर पलटवार महाराष्ट्र और लखनऊ से हो रहा था। यह भी माना जा रहा है इस नये नारे से बीजेपी ने कांग्रेस के जातिवाद की राजनीति का तोड़ भी खोज लिया है जिसका प्रभाव पड़ना स्वाभाविक है क्योंकि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ अयोध्या में बने भव्य राम मंदिर निर्माण की बात करते हुए भावुक होकर कांग्रेस व विपक्ष पर हमलावार होते हैं। योगी जी अपनी स्पष्टवादिता के कारण ही लोकप्रिय हैं, दूसरे चुनावी राज्य महाराष्ट्र में भी उनकी 22 रैलियां निर्धारित हैं जिन्हें बढ़ाने की मांग की जा रही है।

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मृत्युंजय दीक्षित

मृत्युंजय दीक्षित

मृत्युंजय दीक्षित का लखनऊ में निवास है। वे लेखक, स्वतंत्र पत्रकार एवं स्तम्भकार हैं

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