सुनील पाठक
वर्ष 1990 में इंडोनेशिया के बोनोबायो गांव के खेतों में एक चमत्कार हुआ।
बोनोबायो गांव इंडोनेशिया के मध्य जावा द्वीप में कलातेन क्षेत्र में स्थित है।
इस गांव के खेतों में एक किसान हल चला रहा था। हल किसी वस्तु से टकराया। किसान ने झुककर देखा तो स्तब्ध रह गया। हल के नीचे सोने , चांदी की संरचनाएं दिखाई दे रही थीं।
इंडोनेशिया के पुराविदों ने जब इस पर शोध किया तो पता चला कि यह खजाना मेदांग राजवंश के समय का था। नवीं शताब्दी में मेदांग राजवंश इंडोनेशिया का सुप्रसिद्ध हिन्दू राजपरिवार था।
इस खजाने में अनेक आभूषण एवं सोने के कटोरे मिले थे।इन स्वर्ण कटोरों पर रामकथा का चित्रण किया गया था।
इस खजाने का कुल भार 16.9 ग्राम था। ख़ज़ाने में सोने, चांदी की लगभग 1000 अलंकृत संरचनाएं मिलीं। सभी पर रामकथा का अद्भुत चित्रण।
यह अद्भुत कोष आजकल इंडोनेशिया के राष्ट्रीय संग्रहालय में सुरक्षित है।
वर्ष 1915 में जब मुझे पहली बार इंडोनेशिया की इतिहास अन्वेषक महारानी परमेश्वरा राजदेवी ने इसकी सूचना दी तो मैं भी विस्मय विभूत रह गया था।
राम अनंत हैं और उनकी कथा भी अनंत है।