डीपफेक के मुद्दे पर एक एहम बैठक में, जिसे प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और कई मशहूर हस्तियों ने हरी झंडी दिखाई है, यह फैसला लिया गया है कि सरकार और IT क्षेत्र में काम करने वाली कंपनियां इसका पता लगाने, रोकथाम और प्रमोशन पर विस्तृत दिशानिर्देश लाएंगी। गुरुवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के साथ बैठक के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में IT मिनिस्टर अश्विनी वैष्णव ने कहा कि डीपफेक लोकतंत्र के लिए एक नया खतरा बनकर उभरा है और सरकार इसके लिए नियम लाने पर भी विचार कर रही है।
पिछले कुछ दिनों से डीपफेक सुर्खियों में बना हुआ हैं। रश्मिका मंडाना, कैटरिना कैफ, काजोल, सारा तैंडुलकर, शुभमन गिल, से लेकर कई बॉलीवुड सेसेब्स इस डीपफेक का शिकार बन चुके हैं।
‘डीपफेक’ में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल करते हुए किसी तस्वीर या विडियो में मौजूद व्यक्ति की जगह किसी दूसरे को दिखा दिया जाता है। इसमें इतनी समानता होती है कि असली और नकली में अंतर करना काफी मुश्किल होता है। आईटी मंत्रालय ने 20 नवंबर को भारत में 50 मिलियन से अधिक उपयोगकर्ताओं वाली सभी सोशल मीडिया कंपनियों को नवंबर में एक बैठक में भाग लेने के लिए कहा, इसके दो दिन बाद आईटी मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि उनका मंत्रालय उन्हें डीपफेक के बारे में विचार-मंथन करने के लिए बुलाएगा।