बाघों की संख्या को दुगुना करने का था कांग्रेस का वादा

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पंकज कुमार झा

अदानी-अदानी चिल्लाने वाली कांग्रेस, छत्तीसगढ़ के खनिज संसाधनों पर भी लगातार लार टपका रही थी। छत्तीसगढ़ का एटीएम यहां की जनता ने उखाड़ फेका तो किस तरह वाया तेलंगाना उसी अदानी से सौ-सौ करोड़ वसूल रही है, यह तो आपने देखा ही है। अब एक नया खुलासा यह देखिए। छत्तीसगढ़ में एक शानदार अभयारण्य है गुरु घासीदास जी के नाम पर। प्रदेश की साय सरकार ने उस अभयारण्य को ‘टाइगर रिजर्व’ घोषित करने का नाटिफिकेशन जारी कर दिया है। अब यह देश का तीसरा बड़ा ‘टाइगर रिजर्व’ होगा।

आप जानते होंगे कि किसी नेशनल पार्क को टाइगर रिजर्व बनाने की स्वीकृति केंद्र सरकार देती है, उसके बाद राज्य इसका नोटिफिकेशन जारी करता है। मोदी सरकार ने 2021 में ही यह स्वीकृति दे दी थी लेकिन छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार इसे इसलिए रोकी रही, इसके नोटिफिकेशन पर रोक लगा दी क्योंकि फिर इस क्षेत्र का खनिज आदि का दोहन वह नहीं कर पाती।

टाइगर रिजर्व घोषित होने के बाद अच्छा-खासा बजट आता है, राष्ट्रीय प्रोटोकॉल बन जाता है उसका, देश और विश्व के मानचित्र पर आप एक पर्यटन स्थल के रूप में स्थान पाते हैं, लेकिन नवा छत्तीसगढ़ गढ़ने का दावा करने वाली कांग्रेस इस पर भी कुंडली मारे बैठी रही। बाघों की मौतें होती रही लेकिन उसे इसकी परवाह नहीं थी।

उसे बस एटीएम होना था….यहां तक अगर पढ़ ही लिया है आपने तो यह पढ़ते हुए और हँसते हुए जाइए कि कांग्रेस ने अपने कथित ‘जन घोषणा पत्र’ में छत्तीसगढ़ में बाघों की संख्या पांच वर्ष में दुगना कर देने का वादा किया था। मैं हमेशा कहता हूं कि कांगरेड जिसकी भी भलाई की बात करने लगे, समझ लीजिए उसकी शामत आने वाली है।

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