भारत सरकार के गैर-बासमती चावल पर रोक लगाने के फैसले ने पूरी विश्व की चिंताए बड़ा दी हैं, क्योकि अंतरराष्ट्रीय बाजार में भारत के चावलों की एक बड़ी हिस्सेदारी हैं। इसलिए भारत सरकार के इस फैसले से दुनिया भर में चावल की कीमत बहुत बढ़ गई हैं। इससे परेशान अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष ने भारत से गैर-बासमती चावल के प्रतिबंध पर दोबारा विचार करने के लिए कहा हैं।
हांलाकि इस पर आधिकारिक तौर पर कुछ भी नहीं कहा गया हैं, लेकिन सरकार से सरकार को बेचे जाने वाले गैर-बासमती चावल के लिए आग्रह पर विचार किया जा सकता हैं। भारत पश्चिमी अफ्रीका के देशों के लिए तो प्रमुख आपूर्तिकर्ता के रूप में चावल का निर्यात करता हैं। इन देशों को ध्यान में रखते हुए सरकार अपने फैसले पर विचार कर सकती हैं, क्योकि भारत वहां प्रमुख आपूर्तिकर्ता हैं।
भारत की वैश्विक चावल निर्यात में 40 प्रतिशत से अधिक हिस्सेदारी हैं। पूरे विश्व में भारत 140 से अधिक देशों के लिए गैर-बासमति चावल का निर्यात करता हैं।