रवीश कुमार के झूठ दर झूठ

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आशीष कुमार ‘अंशु’ 

 

एनडीटीवी के प्रोपेगेंडा पत्रकार रवीश कुमार अक्सर फेक न्यूज़ फैलाते पाए जाते हैं। ‘किसान आंदोलन’ की आग में घी डालने के लिए रवीश ने कृषि उत्पाद खरीद मामले में सरकार पर ही गलत आँकड़े पेश करने का आरोप मढ़ दिया था। अब वे फेसबुक पर इसे ‘गलती’ बताते हुए ‘सार्वजनिक सूचना’ दे रहे हैं।

रवीश कुमार ने एक तरह से माना है कि केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल के एक ट्वीट के विश्लेषण के चक्कर में उन्होंने झूठ बोला। केंद्रीय मंत्री ने अपनी ट्वीट में साफ़-साफ़ लिखा था कि ये आँकड़े जनवरी 10, 2021 तक के हैं। ट्वीट के टेक्स्ट में भी ये बात लिखी हुई थी और ट्वीट के साथ डाले गए पोस्टर में भी ये अंकित था। लेकिन, रवीश ने ‘बारीक अक्षरों’ पर अप्रत्यक्ष रूप से इसका दोष मढ़ते हुए ‘जवाबदेही लेने’ की बात कही है। वे एक लापरवाह पत्रकार हैं, इस बात को उन्होंने स्वीकार उसके बावजूद नहीं माना। वैसे यह उनकी कोई इकलौती बौद्धीक बेईमानी नहीं है।

पिछले साल दिल्ली दंगों में शाहरूख को मिश्रा बताया था

रवीश कुमार ने पिछले साल 24 फरवरी के प्राइम टाइम शो के दौरान कहा कि ये लड़का कौन है, इसका असली नाम क्या है? कोई कह रहा है कि यह शाहरूख है तो कोई कह रहा है कि यह अनुराग मिश्रा है। पुलिस दोबारा बताए कि यह शख्स कौन है?

रवीश कुमार को पुलिस अधिकारियों की रिपोर्ट पर एक बार में यकीन नहीं होता है। उनके अनुसार जब तक उन्हें दोबारा रिपोर्ट नहीं दी जाती कि इस शख्स का नाम क्या है तब तक वे शंका जाहीर करते रहेंगे और शाहरूख को अनुराग बनाते रहेंगे। कट्टरपंथी इस्लामी तत्वों ने भी फर्जी खबरें फैलाना शुरू कर दिया था कि हिंसा में कोई मुस्लिम युवक नहीं था बल्कि वह एक हिंदू युवक था। जो हिंदू आतंकवाद फैला रहा था। उसका नाम शाहरूख नहीं बल्कि अनुराग मिश्रा है। कुछ लोगों ने तो इतना तक कह दिया कि ये भाजपा नेता कपिल मिश्रा का भतीजा है। इसे जल्द से जल्द गिरफ्तार किया जाए।

टाइम की फर्जी तस्वीर शेयर की थी

रवीश कुमार टाइम्स मैगजीन की एक फर्जी तस्वीर शेयर करते हुए पकड़े गए थे। उन्होंने टाइम मैगजीन के कवर की तस्वीर शेयर की, जिसमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की तस्वीर दिख रही थी और साथ ही लिखा था- ‘Time To Go’, अर्थात जाने का समय आ गया है। रवीश ने इसे शेयर करते हुए तंज कसा और पूछा था कि किसके बारे में लिखा हुआ है? हालाँकि, फेसबुक ने उनका फैक्ट-चेक कर दिया, जिसमें ये तस्वीर फर्जी निकली।

 

सजायाफ्ता नेता का गुणगान

रवीश कुमार ने मोदी सरकार पर निशाना साधने के लिए ‘द हिन्दू’ की एक खबर शेयर करते हुए चारा घोटाले में सजायाफ्ता लालू यादव का गुणगान किया था, जो फ़िलहाल राँची जेल में बंद है। उसमें कहा गया था कि सरकार की पहल के बाद भारतीय रेलवे ने मजदूरों को उनके गृह राज्य भेजने का निर्णय लिया है, जिसके लिए उन्हें कोई शुल्क नहीं देना होगा। रवीश ने झूठा दावा किया था कि मजदूरों से किराया लिया जा रहा है जबकि कोसी बाढ़ के समय लालू ने मुफ्त में ट्रेनें चलवाई थी।

रेलवे ने पकड़ा रवीश का झूठ

श्रमिक ट्रेनों को लेकर रेल मंत्रालय को घेरने के लिए मीडिया फेक न्यूज चला रहा है, जिसमें अब NDTV के प्रोपेगेंडा पत्रकार रवीश कुमार भी शामिल हो चुके हैं। रवीश कुमार ने अपने फेसबुक पेज पर ‘दैनिक भास्कर’ अखबार की एक ऐसी ही भावुक किन्तु फर्जी तस्वीर शेयर की है जिसे कि भारतीय रेलवे एकदम बेबुनियाद बताते हुए पहले ही स्पष्ट कर चुका है कि ये पूरी की पूरी रिपोर्ट अर्धसत्य और गलत सूचनाओं से भरी हुई है।भारतीय रेलवे के प्रवक्ता ने ट्विटर के माध्यम से बताया कि 25 मई को सूरत से दो ट्रेनें 2 दिन मे पहुँच गई थी, इसीलिए 9 दिन वाली बात झूठी है।

दैनिक भास्कर’ ने ऐसी ही एक ‘फेक’ इमोशनल स्टोरी प्रकाशित करके दावा किया कि मजदूर पहले ट्रैक पर मर रहे थे, अब वो ट्रेनों में मर रहे हैं। अपनी इमोशनल स्टोरी में भास्कर ने दावा किया कि ईद के दिन इरशाद नामक बच्चे की ट्रेन में ही मौत हो गई। हालाँकि, रेलवे ने बाद में जब सच्चाई बयान की तो भास्कर के इस ख़बर की पोल खुल गई।

इरशाद के पिता मोहम्मद पिंटू के हवाले से ‘दैनिक भास्कर’ ने दावा किया कि गर्मी की उमस और भूख के कारण उनके बेटे की मौत हुई है। इस ख़बर में ये भी दावा किया गया कि सूरत से सीवान पहुँचने में ट्रेनों को पूरे 9 दिन लग गए। रेलवे ने इस ख़बर को नकारते हुए कहा है कि ये पूरी की पूरी रिपोर्ट अर्धसत्य और गलत सूचनाओं से भरी हुई है। भारतीय रेलवे के प्रवक्ता ने ट्विटर के माध्यम से बताया कि 25 मई को सूरत से दो ट्रेनें 2 दिन मे पहुँच गई थी, इसीलिए 9 दिन वाली बात झूठी है।

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