आज कल सोशल मीडिया के इस दौर में इस्तेमाल बढ़ने के साथ ही सुरक्षा के लिहाज से भी इंस्टैंट मैसेजिंग ऐप वॉट्सऐप संवेदनशील हो गया है। फेक न्यूज की बढ़ती घटनाओं को लेकर पिछले दिनों सोशल मीडिया खासकर वॉट्सऐप पर काफी कदम उठाए गए थे। इसमें फॉरवर्ड मैसेज डिस्प्ले होने के साथ ही एक बार में भेजने वाले मैसेज की अधिकतम संख्या पांच कर दी गई थी।
वॉट्सऐप को लेकर अब नया खतरा मंडराने लगा है। दरअसल, सोशल मीडिया नेटवर्क फेसबुक ने स्वीकार किया है कि उसके इस ऐप में सुरक्षा खामी के कारण लोगों के मोबाइल में एक जासूसी सॉफ्टवेयर इंस्टॉल हो गया है। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, इस्राइली कंपनी द्वारा विकसित इस सॉफ्टवेयर को वॉट्सऐप कॉल के द्वारा फोन में इंस्टॉल किया गया है। रिपोर्ट के मुताबिक यूजर द्वारा कॉल का जवाब न देने पर भी यह सॉफ्टवेयर उनके फोन में इंस्टॉल किया जा सकता है। कनाडा के शोधकर्ताओं के मुताबिक, इस सॉफ्टवेयर से मानवाधिकार कार्यकर्ताओं और अधिवक्ताओं को निशाना बनाया गया है।
कितने लोगों को इस तरह के साइबर हमले का शिकार बनाया गया है, अभी यह स्पष्ट नहीं हुआ है। माना जा रहा है कि इस साइबर हमले के निशाने पर चुनिंदा लोग हैं। फिलहाल, रविवार तक फेसबुक के इंजीनियर इस सुरक्षा चूक को सही करने में जुटे थे। फेसबुक ने यूजर्स से नए वर्जन को अपडेट करने के लिए कहा है। बताया जाता है कि फेसबुक को अपडेट करने के साथ ही डाउनलोड फोल्डर में किसी संदिग्ध फाइल (जिसे आपने डाउनलोड न किया हो) के मिलने पर उसे डिलीट कर इससे काफी हद तक बचा जा सकता है। इसके अलावा संभव होने पर यूजर्स अपना फोन रीसेट भी कर सकते हैं।