सुप्रीम कोर्ट ने एलोपैथ को लेकर भ्रामक विज्ञापन मामले में पतंजलि आयुर्वेद के एमडी आचार्य बालकृष्ण और बाबा रामदेव के माफीनामा को अस्वीकार कर दिया है। जस्टिस हीमा कोहली की अध्यक्षता वाली बेंच ने कहा कि आपकी ओर से आश्वासन दिया गया और उसके बाद उल्लंघन किया गया। यह देश की सबसे बड़ी अदालत की तौहीन है और अब आप माफी मांग रहे हैं। यह हमें स्वीकार नहीं है। आप बेहतर हलफनामा दाखिल करें। मामले की अगली सुनवाई 10 अप्रैल को होगी।
आचार्य बालकृष्ण ने 21 मार्च को सुप्रीम कोर्ट में हलफनामा दायर कर बिना शर्त माफी मांगी थी। सुप्रीम कोर्ट में दाखिल अपने हलफनामे में आचार्य बालकृष्ण ने विज्ञापन पर खेद प्रकट करते हुए कहा था कि विज्ञापन में जो अपमानजनक वाक्य हैं, उन पर हमें खेद है। आचार्य बालकृष्ण ने पतंजलि के फॉर्मूलेशन के चमत्कारी क्षमताओं के बारे में दिए गए उन भ्रामक दावों पर बिना शर्त माफी मांगी थी जो आधुनिक चिकित्सा पर संदेह पैदा करते हैं।
पतंजलि आयुर्वेद की ओर से बालकृष्ण ने 21 नवंबर, 2023 को दिए गए आदेश में दर्ज किए गए बयान के उल्लंघन के लिए कोर्ट में माफीनामा दाखिल करते हुए कहा था कि उनकी तरफ से भविष्य में भी ऐसे विज्ञापन नहीं जारी किये जायेंगे।