डॉक्यूमेंट्री, निर्देशक विक्टोरिया सिल्वर द्वारा बनाई गई, बोनी के जीवन के छह महीनों को दर्शाती है, जिसमें उनकी रणनीतियां, सोशल मीडिया की विवादास्पद शैली और उनके आसपास के लोगों के दृष्टिकोण शामिल हैं। बोनी का बिजनेस मॉडल “बेयरली लीगल” थीम पर आधारित है, जहां वह 18 वर्षीय युवकों के साथ मुफ्त में यौन संबंध बनाती हैं, बशर्ते वह इसे फिल्माकर अपने OnlyFans पर अपलोड कर सकें। यह दृष्टिकोण उन्हें पारंपरिक पॉर्न इंडस्ट्री से अलग करता है, लेकिन साथ ही यह नैतिकता और नारीवाद पर सवाल उठाता है। वह दावा करती हैं कि वह पुरुषों को “सेक्स का हक” दे रही हैं और यह उनके लिए “शैक्षिक” है, जो विशेष रूप से विवादास्पद है।
फिल्म की सबसे बड़ी ताकत इसका यथार्थवादी चित्रण है, जो बोनी के जीवन की जटिलताओं को दर्शाता है। वह एक ओर एक स्मार्ट उद्यमी के रूप में उभरती हैं, जिन्होंने ऑनलाइन दुनिया में अपनी जगह बनाई, वहीं दूसरी ओर उनकी भावनात्मक रिक्तता और सामाजिक अलगाव दर्शकों को झकझोरता है। डॉक्यूमेंट्री में उनके “1,000 पुरुष” स्टंट की तैयारियों और इसके बाद के प्रभावों को दिखाया गया है, जो देखने में असहज लेकिन विचारोत्तेजक है। हालांकि, आलोचकों का कहना है कि फिल्म बोनी के दावों को पर्याप्त रूप से चुनौती नहीं देती, खासकर जब वह अपनी सामग्री को “नारीवादी” या “सशक्तिकरण” के रूप में प्रस्तुत करती हैं।
चर्चा का कारण
यह डॉक्यूमेंट्री इसलिए चर्चा में है क्योंकि यह आधुनिक पोर्न इंडस्ट्री, सोशल मीडिया की भूमिका और यौन नैतिकता पर सवाल उठाती है। बोनी की तुलना एंड्रयू टेट जैसे विवादास्पद व्यक्तित्वों से की गई है, और उनकी “बेयरली लीगल” सामग्री को बच्चों के लिए हानिकारक माना गया है। चैनल 4 पर ग्राफिक दृश्यों का प्रसारण और विज्ञापनदाताओं द्वारा प्रायोजन वापस लेना इसकी विवादास्पद प्रकृति को और बढ़ाता है। यह फिल्म समाज में सेक्स, पैसा और नैतिकता के बदलते दृष्टिकोणों को उजागर करती है, जिससे यह एक गहन सामाजिक बहस का विषय बन गई है।
1000 मेन एंड मी’ एक ऐसी डॉक्यूमेंट्री है जो दर्शकों को असहज करती है, लेकिन साथ ही सोचने पर मजबूर करती है। यह बोनी ब्लू के जीवन के माध्यम से आधुनिक समाज की जटिलताओं को दर्शाती है, हालांकि इसे और गहराई से विश्लेषण की आवश्यकता थी। यह उन लोगों के लिए है जो सेक्स, नैतिकता और डिजिटल युग की गतिशीलता पर विचार करना चाहते हैं।