-दिलीप सी मंडल
दिल्ली । ग्लोबल आतंकवाद के सारे अनुभव बताते हैं कि आतंकवादी अनपढ़ या गरीब नहीं बल्कि उच्च शिक्षित, डॉक्टर, इंजीनियर, रिसर्चर, साइंटिस्ट, स्कॉलर आदि होते हैं. वे घोड़े पर चढ़कर किसी जंगल से नहीं आते. वे आपके और हमारे आसपास रहते हैं.
आतंकवाद की ट्रेनिंग के बाद वह शख्स कहीं भी जाकर फट जाएगा, क्योंकि उसे बताया गया है कि मरने के बाद वह किसी और दुनिया में जाएगा … जहां भोग करने के लिए उसे ढेर सारी जवान औरतें और शराब और जाने क्या क्या चीजें मिलेंगी.
ये अच्छा है कि किसी भी धर्म के ज्यादातर लोग इस पागलपन में शामिल नहीं हैं. वे इसी दुनिया में सुख से जीना चाहते हैं. इसलिए सफल बिजनेसमैन या किसानों के आतंकवादी बनने की मिसालें कम हैं. दुनिया में आतंकवाद लगातार कम हुआ है.
आतंकवाद की एक और सुविधा है, उसे सैकड़ों कोशिशों में एक बार कामयाब होना है. जबकि दूसरी ओर सुरक्षा बलों को सैकड़ों कोशिशों में हर कोशिश को नाकाम करना है. वे एक भी चूक नहीं कर सकते.



