लखनऊ: अलीगढ़ किले का गौरवशाली इतिहास रहा है , यह एक अभेद और ऐतिहासिक किला है । 12वीं शताब्दी में डोर राजपूतों के अधीन यह किला रहा, सल्तनत और मुगल शासन में इस किले पर अत्यधिक आक्रमण हुए परंतु माधोजी सिंधिया और जाट राजा सूरजमल ने अपने शासनकाल में अलीगढ़ किले को भव्यता प्रदान की थी ।
ऐतिहासिक पृष्ठभूमि से महत्वपूर्ण द्वितीय मराठा अंग्रेज युद्ध में अलीगढ़ की विशेष भूमिका है , अलीगढ़ किले पर लड़े गए इस युद्ध में लगभग 2000 मराठा सैनिक अंग्रेजों से लड़ते हुए वीरगति को प्राप्त हुए , जिसकी अगुवाई बाजीराव नामक एक सिसोदिया राजपूत कर रहे थे ।
वर्तमान में इस किले के संरक्षण की जिम्मेदारी अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय के पास है परंतु हमारे द्वारा प्रदान किए गए तस्वीरों में वीडियो में और वर्तमान में अगर भौतिक रूप से वहां देखा जाए तो किला जर्जर हालत में है और कुछ ही वर्ष पूर्व यहां के लिए परिसर के अंदर एक मदरसा भी संचालित हो रहा था तथा कई इस्लामी गतिविधियां किला परिसर के अंदर की जा रही थी , यह स्पष्ट है की अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय एक संस्थान के रूप में किले का संरक्षण करने में असमर्थ है और अलीगढ़ किले के दुरुपयोग को बढ़ावा दिया जा रहा है ।
वहाँ लोगो की माँग है कि *अलीगढ़ किला परिसर के अंदर मराठा अंग्रेज युद्ध में शहीद हुए मराठा योद्धाओं का एक भव्य स्मारक बनाया जाए तथा अलीगढ़ किले के संरक्षण की जिम्मेदारी को अलीगढ़ मुस्लिम विश्वविद्यालय से वापस लिया जाए और स्वयं संबंधित मंत्रालय अथवा प्रदेश सरकार इस किले के संरक्षण की जिम्मेदारी ले* ।
संपूर्ण विषय को पत्र के माध्यम से संस्कृति मंत्रालय भारत सरकार को भी अवगत कराया गया है , किला संरक्षण मंच इस पूरे विषय की लड़ाई प्रतिदिन लड़ेगा जब तक किला मुक्त ना हो जाए और गौरव गाथा से भरपूर इस किले को न्याय ना मिल जाए ।