एक मामला सामने आया है, जिसमें कथित तौर पर एक युवक पर आरोप है कि उसने बाबा साहब का अपमान किया है।
यदि लगता है कि उस युवक ने बाबा साहब का वास्तव में अपमान किया है, फिर आप कोर्ट में जा सकते हैं। थाने में एफआईआर करा सकते हैं।
न्यायालय का रास्ता तो बाबा साहब का ही दिखाया हुआ रास्ता है? यदि आप कानून हाथ में ले रहे हैं तो जय भीम बोलना पहले छोड़िए। कानून जिन्हें हाथ में लेना है, वे बाबा साहब और जय भीम को क्यों बदनाम कर रहे हैं?
कानून हाथ में लेने वालों से बाबा साहब का क्या रिश्ता?
कांग्रेस पार्टी के कार्यकर्ता प्रियांशु के एक्स अकाउंट से ऐसा ही एक वीडियो शेयर हुआ है। जिसमें एक युवक को राजपूत बताया जा रहा है। जिस पर प्रियांशु का आरोप है कि उसने बाबा साहब पर कोई आपत्तिजनक टिप्पणी की है और कथित आरोपी युवक को बीस पच्चीस लोग लिंच कर रहे हैं।
उस युवक को एक महिला बचाने के लिए बीच में आती है,संभवत: वह महिला पीड़ित युवक के परिवार से होगी। इस बात का भी भीड़ ख्याल नहीं करती। यह वीडियो प्रियांशु के एक्स हैंडल पर पोस्ट लिखे जाने तक शेयर है।
इस अपराध में जो लोग भी शामिल है, उन पर कानूनी कार्रवाई होनी चाहिए। इस तरह के अपराध में एक मिसाल कायम होनी चाहिए कि भविष्य में कोई इस तरह से कानून हाथ में लेने का प्रयास ना करे।
लेकिन जय भीम कहते हुए इस तरह के अपराध के दर्जनों वीडियो बिना किसी डर और भय के शेयर किए जा रहे हैं।
पिछले दिनों कथित तौर पर महाराष्ट्र के एक वीडियो में कुछ लोग एक व्यक्ति को मारते हुए ले जा रहे थे। उस पर लिखा था, जय भीम।
क्या जय भीम लिख देने से अराजक तत्वों को कानून हाथ में लेने का आजकल लायसेंस मिल जाता है?