आशुतोष कुमार सिंह को मिला वाग्धारा यंग अचीवर्स अवार्ड

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स्वस्थ भारत अभियान के राष्ट्रीय संयोजक आशुतोष कुमार सिंह को 2021 का वाग्धारा यंग अचीवर्स अवार्ड राजभवन, महाराष्ट्र  में आयोजित सम्मान समारोह में राज्यपाल श्री भगत सिंह कोश्यारी एवं पूर्व मुख्यमंत्री नारायण राणे के हाथों दिया गया। जेनरिक दवाइयों के लिए  पूरे देश में जागरूकता अभियान चलाने के लिए ‘जेनमैन’ नाम से विख्यात आशुतोष  कुमार सिंह को यह सम्मान स्वास्थ्य के क्षेत्र में उनके द्वारा किए गए उल्लेखनीय कार्यों के लिए दिया गया। इस अवसर पर महाराष्ट्र के पूर्व गृह राज्य मंत्री कृपाशंकर सिंह एवं वाग्धारा के अध्यक्ष डॉ.वागीश सारस्वत भी उपस्थित रहे ।

आशुतोष कुमार सिंह

स्वास्थ्य जागरूकता के लिए  भारत में 50 हजार किमी से ज्यादा का भ्रमण कर चुके स्वास्थ्य कार्यकर्ता आशुतोष कुमार सिंह को मुंबई की संस्था वाग्धारा ने यह सम्मान दिया  है। विगत 36 वर्षों से स्वास्थ्य, शिक्षा एवं संस्कृति के संवर्धन हेतु कार्य कर रही संस्था वाग्धारा विगत पांच वर्षों से वाग्धारा नवरत्न अवार्ड, जीवन गौरव अवार्ड एवं पिछले वर्ष से वाग्धारा यंग अचीवर्स अवार्ड दे रही है। मूल रूप से बिहार के सीवान जिला के रहने वाले श्री आशुतोष को इसके पूर्व बीबीआरएफआई द्वारा ‘मेसेंजर ऑफ हेल्थ एंड वेल विइंग्स’ अवार्ड-2019 , साउथ एशिया पेसिफिक हेल्थ केयर अवार्ड-2019, तिलका मांझी राष्ट्रीय सम्मान एवं वंदेमातरम सम्मान से भी सम्मानित किया जा चुका है।

देश-दुनिया से मिल रही है शुभकामनाएं

आशुतोष कुमार सिंह के इस उपलब्धि पर उनके गृह जिला  बिहार राज्य के सीवान में खुशियों  का माहौल है। जिला के प्रबुद्ध लोगों ने उन्हें बधाई संदेश प्रेषित किया है। उनके बड़े भाई चंद्र शेखर सिंह ने कहा कि, यह उपलब्धि सीवान ही नहीं बल्कि बिहार के लिए गौरव की बात है। उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में आशुतोष का काम सराहनीय है और रजनपुरा ग्राम पंचायत की सम्पूर्ण जनता इस उपलब्धि से ख़ुद को गौरान्वित महसूस कर रही है। श्री आशुतोष की मां ने कहा कि, ‘हमार बबुआ निमन काम करत बा,आगे बढ़त बा, हमार आशीर्वाद बाबू के साथे बा।’ दूसरी तरफ सोशल मीडिया पर श्री आशुतोष को देश दुनिया से शुभकामनाएं प्राप्त हो रही हैं। 

श्री आशुतोष ने इस बावत कहा कि यह सम्मान स्वस्थ भारत के साथियों को समर्पित है। पिछले 9 वर्षों से स्वस्थ भारत के सपने को साकार करने में नि:स्वार्थ भाव से जिन साथियों ने योगदान दिया है, यह सम्मान दरअसल उनका है।

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