महेंद्र शुक्ल
जम्मू कश्मीर में आजादी के बाद पहली बार बाबा साहिब के संविधान अनुसार त्रिस्तरीय पंचायती व्यवस्था के अंतर्गत एक राष्ट्रीय ध्वज और एक विधान से आम चुनाव होने वाले है! फारुख अब्दुल्ला एंड कंपनी हो या वहा की अन्य तथाकथित दल अपने अलगाव वादी एजेंडे के साथ अपने घोषण पत्र जनता के बीच ला चुके है ! 1953 की पहले की स्तिथि बहाल करेगे अपना संविधान लागू करेगे! अब इनके गठबंधन के साथी कॉन्ग्रेस अभी तक बाबा साहिब का संविधान हाथ में ले कर उसकी रक्षा का ऐलान करने वाले कांग्रेस दल के युवराज ने भी अपने इरादे साफ़ कर दिए हैं, के गर जीते तो पूर्व की स्तिथि लागू होगी। वर्तमान व्यवस्था को जड़ से उखाड़ कर फेक देगे यानी जीते तो फिर दो विधान होगे, दो प्रधान होगे और दो निशान होगे।
किस को उखाड़ फेकेंगे विधान को जो बाबा साहिब द्वारा बना है 370और 35A लागू होगी यानी फीर दलित समाज का बच्चा सरकारी तौर पर सिर्फ कूड़ा उठाने का ही कार्य करेगा किसी भी अन्य सरकारी नौकरी में उसका कोई प्रतिनिधित्व नहीं होगा।
ये इतनी बडी घोषणना हैं जिस से देश में उबाल आ जाना चाहिए था पर सब शांत है और ये शान्ति बताती हैं के संविधान बचाओ और दलित के नाम पर जो भीड़ सड़को पर दिखती हैं वो एक ड्रामा से अधिक कुछ नहीं है असल में इनको बाबा साहिब या आम दलित से कुछ लेना देना ही नही न ये जानते हैं संविधान न बाबा साहिब इन नेताओ का जो दिन रात दलित पिछड़े का नारा देते घूमते हैं सिर्फ एक मानसिक कुंठा पैदा करते हैं समाज में आज आम जन मानस को चेतना चहिए और पूछना चाहिए के अब बाबा साहिब के संविधान को उखाड़ फेंकने वाले को हम क्यो न उखाड़ कर फेक दे !