बेंगलुरु में एक 20 वर्षीय कॉलेज छात्रा, जिसका नाम प्रिया (बदला हुआ नाम) है, उसकी जिंदगी उस समय उथल-पुथल में बदल गई, जब उसके द्वारा भरोसे में साझा किए गए निजी वीडियो ऑनलाइन लीक हो गए। यह घटना विश्वास के दुरुपयोग और साइबर अपराध की गंभीरता को उजागर करती है।
प्रिया, जो बेंगलुरु के सेंट्रल बिजनेस डिस्ट्रिक्ट में रहती है, ने जुलाई 2023 में अपने एक परिचित, रोहन (बदला हुआ नाम), जो कोच्चि का रहने वाला है और अब कथित तौर पर यूके में रहता है, के साथ एक मैसेजिंग ऐप के जरिए निजी वीडियो साझा किए थे। प्रिया को भरोसा था कि उसका विश्वास सुरक्षित है। लेकिन मई 2025 में उसे पता चला कि उसके वीडियो सोशल मीडिया और कुछ वयस्क वेबसाइटों पर वायरल हो गए हैं। इस खुलासे ने उसे सदमे में डाल दिया।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, प्रिया ने तुरंत साइबर क्राइम पुलिस से संपर्क किया और वीडियो हटाने की गुहार लगाई, लेकिन शुरुआती प्रयास नाकाम रहे। जून 2025 में वीडियो फिर से कई प्लेटफॉर्म पर फैल गए। प्रिया ने रोहन से संपर्क किया, जिसने लीक में अपनी भूमिका से इनकार किया। स्थिति तब और बिगड़ गई, जब प्रिया को इंस्टाग्राम पर एक अनजान अकाउंट से ₹10,000 की उगाही का मैसेज मिला। उसने वीडियो हटाने के बदले पैसे मांगे और मना करने पर और वीडियो फैलाने की धमकी दी।
बेंगलुरु पुलिस ने सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 67A (अश्लील सामग्री प्रकाशन) और भारतीय दंड संहिता की धारा 384 (उगाही) के तहत मामला दर्ज किया है। साइबर क्राइम सेल वीडियो के स्रोत का पता लगाने और सामग्री हटाने के लिए डिजिटल प्लेटफॉर्म्स के साथ काम कर रही है। पुलिस ने बताया कि संदिग्ध का डिजिटल फुटप्रिंट ट्रैक किया जा रहा है।
यह मामला डिजिटल युग में निजता की रक्षा और ऑनलाइन विश्वास के खतरों को रेखांकित करता है। प्रिया की कहानी युवाओं के लिए एक चेतावनी है कि ऑनलाइन सामग्री साझा करने में सावधानी बरतें।