नई दिल्ली: ब्लूमबर्ग की एक ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, भारत ने स्टैंडर्ड एंड पूअर्स (S&P) से अपनी सॉवरेन रेटिंग में अपग्रेड हासिल किया है, जो देश की मजबूत आर्थिक वृद्धि और नीतिगत स्थिरता का प्रमाण है। यह अपग्रेड ऐसे समय में आया है, जब हिंडनबर्ग रिसर्च की हालिया रिपोर्ट्स ने भारतीय कॉरपोरेट क्षेत्र, विशेषकर अडानी समूह, पर गंभीर सवाल उठाए थे। क्या यह रेटिंग अपग्रेड ब्लूमबर्ग की ओर से हिंडनबर्ग को मुँह चिढ़ाने का एक तरीका है, या यह भारत की आर्थिक ताकत का स्वतंत्र मूल्यांकन? यह सवाल अब वैश्विक निवेशकों के बीच चर्चा का विषय बन गया है।
S&P ने भारत की रेटिंग को ‘BBB-‘ से बढ़ाकर ‘BBB’ किया है, जो भारत की आर्थिक नीतियों, बढ़ते विदेशी मुद्रा भंडार, और मजबूत जीडीपी वृद्धि दर पर भरोसे को दर्शाता है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट में कहा गया है कि 2024-25 में भारत की अर्थव्यवस्था 7.5% की दर से बढ़ रही है, जो वैश्विक स्तर पर सबसे तेज़ गति वाली अर्थव्यवस्थाओं में से एक है। इसके पीछे सरकार की बुनियादी ढांचा निवेश, डिजिटल अर्थव्यवस्था को बढ़ावा, और आत्मनिर्भर भारत पहल जैसे कदमों को श्रेय दिया गया है।
हालांकि, हिंडनबर्ग रिसर्च की 2023 की रिपोर्ट, जिसमें अडानी समूह पर कॉरपोरेट गवर्नेंस और वित्तीय अनियमितताओं के आरोप लगाए गए थे, ने भारतीय बाजारों में हलचल मचा दी थी। इसने निवेशकों के विश्वास को डगमगाया और शेयर बाजार में अस्थिरता पैदा की। लेकिन S&P का यह अपग्रेड हिंडनबर्ग के दावों को खारिज करता प्रतीत होता है, यह संदेश देता है कि भारत की आर्थिक कहानी कॉरपोरेट विवादों से कहीं बड़ी है।
विश्लेषकों का मानना है कि यह रेटिंग अपग्रेड भारत के लिए निवेशकों का भरोसा बढ़ाएगा। मुंबई के एक वित्तीय विश्लेषक, रोहन मेहता, ने कहा, “S&P का यह कदम भारत के मजबूत आर्थिक बुनियादी ढांचे को मान्यता देता है। हिंडनबर्ग जैसे विवाद अल्पकालिक हो सकते हैं, लेकिन भारत की दीर्घकालिक विकास संभावनाएँ अटल हैं।” दूसरी ओर, कुछ विशेषज्ञों का कहना है कि हिंडनबर्ग की रिपोर्ट्स ने कॉरपोरेट पारदर्शिता पर सवाल उठाए, जिन्हें नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
ब्लूमबर्ग की यह खबर न केवल भारत की आर्थिक प्रगति को रेखांकित करती है, बल्कि वैश्विक मंच पर हिंडनबर्ग जैसे आलोचकों को एक जवाब भी देती है। जैसे-जैसे भारत वैश्विक अर्थव्यवस्था में अपनी स्थिति को और मजबूत करता है, यह रेटिंग अपग्रेड एक मज़बूत संदेश देता है: भारत की आर्थिक उड़ान अब रुकने वाली नहीं है।