भारतीय अनुवाद परिषद द्वारा दिनेश कुमार माली हुए पुरस्कृत-सम्मानित

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भारतीय अनुवाद परिषद अनुवाद साहित्य को समर्पित एक विशिष्ट संस्था है जो विगत साठ वर्षों से अनुवाद-क्षेत्र में समर्पित विद्वानों / अनुवादकों को i) नातालि, ii) ‘डॉ. गार्गी गुप्त ‘द्विवागीश’ तथा iii) डॉ. गार्गा गुप्त ‘अनुवाद-श्री’ पुरस्कारों से सम्मानित करती आ रही है। अनुवाद-जगत की प्रख्यात विदुषी एवं भारतीय अनुवाद परिषद की संस्थापिका डॉ. गार्गी गुप्त द्वारा इन पुरस्कारों को छह दशक पूर्व स्थापित किया गया था तथा इनकी इसी परंपरा का निर्वाह उनके सुपुत्र श्री चारू शेखर गुप्ता जी पूर्ण निष्ठा से निभा रहे हैं। पाँच वर्षों के लिए परिषद द्वारा वर्ष 2018-2019, 2019-2020, 2022-2023, 2023-2024 तथा 2024-2025 के राष्ट्रीय अनुवाद पुरस्कार एवं सम्मान समारोह का आयोजन शुक्रवार दिनांक- 28 फरवरी 2025 को सायं 3.00 बजे से सभागार, भारतीय विद्या भवन, कस्तुरबा गांधी मार्ग, नई दिल्ली में आयोजित किया गया।

परिषद द्वारा अनुवाद क्षेत्र में सक्रिय रूप से कार्य करने वाले भारतीय तथा विदेशी भाषाओं के भारतीय एवं विदेशी अनुवादकों को उनके समग्र अनुवाद कार्यों के लिए ‘डॉ. गार्गी गुप्त द्विवागीश पुरस्कार’ प्रतिवर्ष एक महिला और एक पुरुष अनुवादक को दिया जाता है। इस समारोह में वर्ष 2019-2020 के लिए ओडिशा के श्री दिनेश कुमार माली को ओड़िया-हिन्दी-ओड़िया के लिए प्रदान किया गया।

पुरस्कार एवं सम्मान-समारोह का संचालन भारतीय अनुवाद परिषद के महासचिव प्रो. पूरनचंद टंडन ने किया। उन्होंने समारेह की भूमिका रखते हुए सर्वप्रथम परिषद का परिचय दिया तथा समारोह के सम्मानित अतिथियों से सभी को परिचित कराया। तत्पश्चात् परिषद की उपाध्यक्ष श्रीमती संतोष खन्ना ने सभी का औपचारिक स्वागत एवं अभिनंदन किया। मुख्य अतिथि श्रीप्रकाश सिंह निदेशक, साउथ कैम्पस दिल्ली विश्वविद्यालय, विशिष्ट अतिथि नासिरा शर्मा, प्रतिष्ठित साहित्यकार एवं अनुवादविद् तथा समारोह की अध्यक्ष प्रो नंदिनी साहू, कुलपति, हिंदी विश्वविद्यालय, पश्चिम बंगाल ने सभी सम्मानित विद्वतजनों को क्रमशः ‘नातालि पुरस्कार’, ‘डॉ. गार्गी गुप्ता द्विवागीश पुरस्कार’ तथा ‘डॉ. गार्गी गुप्त अनुवाद श्री पुरस्कार’, प्रदान किए। साथ ही उन्होंने परिषद द्वारा प्रकाशित ‘स्मारिका’ तथा अनुवाद पत्रिका के लोकार्पण के पश्चात् उद्बोधन स्वरूप आशीर्वचन प्रस्तुत किया। सम्मानित अतिथियों ने सभी अनुवादकों को शुभकामना एवं बधाई देते हुए आज के संदर्भ में अनुवाद की महत्ता को उद्घाटित किया। विशेषकर उन्होंने राष्ट्रीय शिक्षा नीति तथा भारतीय ज्ञान परंपरा के विशेष परिप्रेक्ष्य में अनुवाद के बदलते आयाम पर विचार रखा तथा इस संदर्भ में अनुवाद की चुनौतियों पर प्रकाश डाला।

इन पुरस्कार-सम्मान के निर्णायक मंडल के सदस्यों में जाने-माने भाषा एवं अनुवादविद् तथा प्रतिष्ठित साहित्यकार डॉ. नासिरा शर्मा, पूर्व समकुलपति इग्नू एवं वर्तमान में समकुलपति पंजाब केन्द्रीय विश्वविद्यालय, बठिंडा के प्रो. किरण हज़ारिका तथा सचिव साहित्य आकादमी, भारत सरकार श्री श्रीनिवास राव, भारतीय अनुवाद परिषद के महासचिव प्रो. पूरनचंद टंडन उपाध्यक्ष श्री कृष्ण गोपाल अग्रवाल तथा भारतीय अनुवाद परिषद की कार्यकारिणी के सदस्य डॉ. हरीश कुमार सेठी शामिल थे।

आयोजन को समापन की ओर ले जाते हुए परिषद के उपाध्यक्ष श्री कृष्णगोपाल अग्रवाल ने सभी का औपचारिक धन्यवाद ज्ञापन दिया। समारोह में अनेक गणमान्य व्यक्ति, संस्था के आजीवन सदस्य, पत्रकार, विद्वान-अनुवादक, भाषाविद्, प्रशासक तथा राजनेता उपस्थित थे।

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