जिस तरह बिहार का राजनीतिक परिदृश्य बदल रहा है। राष्ट्रीय जनता दल के सारे समीकरण असफल हो रहे हैं और पार्टी का हिन्दू विरोधी एजेन्डा एक्सपोज हुआ है। उसके बाद से तेजप्रताप यादव को लेकर पार्टी को एक बार गंभीरता से सोचना चाहिए क्योंकि तेजस्वी को दबी जुबान में यादव समाज के अंदर ही, समाज से बाहर जाकर शादी करने के लिए ‘हाफ यादव’ कहा जाने लगा है।
लालू यादव जब मुख्यमंत्री हुआ करते थे, राष्ट्रीय जनता दल में तेजप्रताप यादव के मामाओं का जलवा चलता था। अब हो सकता है कि बड़े भाई तेजप्रताप यादव की जगह तेजस्वी बड़े नेता बन गए हों लेकिन अभी भी वे पूरे बिहार के यादवों के नेता नहीं बन पाएं हैं।
यह तेज प्रताप यादव के सगे मामा साधु यादव का बयान है कि ”तेजस्वी यादव ने पूरे बिहार का नहीं पूरे यादव कुल को ही कलंकित कर दिया है। तेजस्वी यादव को हक नहीं है कि वह बिहार के 13 करोड़ जनता का नेता बने।
यह सब सगे मामा क्यों कह रहे थे, इसलिए क्योंकि उन्हें यह बात पसंद नहीं आई कि उनका भांजा तेजस्वी ईसाई परिवार में शादी करे।
ईसाई परिवार में शादी करने के बाद तेजस्वी यादव बिहार के यादवों से दूर हुए हैं। उनकी पार्टी में ऐसे नेताओं को प्रोत्साहन मिलना शुरू हुआ है जो हिन्दू धर्म के अपमान की बात करें। रामचरितमानस को लेकर पार्टी के परिष्ठ नेताओं ने अनर्गल बयान दिए हैं।
इस संयोग पर भी बिहार में चर्चा हो रही है कि ईसाई पत्नी आने के बाद राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा परिवार के साथ तेजस्वी की नजदीकी बढ़ी है। तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन के साथ उनकी नजदीकी भी खबरों में रही। उन्होंने तमिलनाडु से रिश्ता खराब करने के षडयंत्र का हवाला देकर यू ट्यूबर मनीष कश्यप की गिरफ्तारी तक करा दी। जबकि तेजस्वी खुद गुजरात के लिए अनाप शनाप बोलते रहते हैं। उन्होंने पेरियार इरोड वेंकटप्पा रामासामी (Periyar Erode Venkatappa Ramasamy) के संबंध में जब टवीट किया तो साफ हो गया कि उन्हें नियंत्रण कहीं और से किया जा रहा है। लालू प्रसाद यादव की राजनीति में कम से कम हिन्दू समाज के लिए घृणा नहीं थी। राहुल और तेजस्वी दोनों की राजनीति में यह साफ दिखता है।
राहुल गांधी के दादा पारसी थे और मां क्रिश्चियन हैं। राहुल गांधी खुद के ब्राम्हण होने का दावा करते हैं। ब्राम्हण उनके पिताजी के नाना थे। जिनका सरनेम नेहरू हुआ करता था। महात्मा गांधी की जाति के संबंध में बताया जाता है कि वे वैश्य जाति से आते थेे। गांधीजी के अपने चार बेटे थे, हीरालाल गांधी, मणिलाल गांधी, रामदास गांधी, देवदास गांधी। इनमें से कोई दत्तात्रेय गोत्र का ब्राम्हण नहीं है।
राहुल गांधी, एमके स्टालिन और तेजस्वी यादव के बीच बेहतर हुए रिश्ते के पिछे इनका चर्च कनेक्शन बताया जाता है।
आरोप यह भी है कि तेजस्वी जब बिहार में जदयू के साथ सत्ता में आए, प्रदेश के अंदर कन्वर्जन गैंग सक्रिय हो गया था।
बिहार तेजस्वी यादव पर यादव समाज का संदेह बढ़ रहा है, उसे देखकर यही लगता है कि आने वाले समय में तेजप्रताप यादव बिहार में राजद की गद्दी संभाल लें तो बड़े आश्चर्य की बात नहीं मानी जानी चाहिए। वैसे भी उन्होंने अपने व्यवहार से बिहारियों का दिल जीत कर रखा है।