बिजनौर/ उत्तर प्रदेश (चिंगारी)। कई बार कोई कार्यक्रम अपने पीछे छोड़ जाता है कुछ कहानियाँ, कुछ किस्से और कुछ निशानियां। जैसे पानी बह भी जाए तो भी छोड़ जाता है अपने बहने के निशाँ। कल रात बिजनौर के इंदिरा बाल भवन में कुछ ऐसा घटित हुआ, जो अप्रत्याशित था, अविस्मरणीय और एतिहासिक था। जिला प्रदर्शनी में गत रात्रि नगर पालिका परिषद के तत्वावधान में भारतीय शास्त्रीय नृत्यों की प्रस्तुत्ति ‘लास्य’ का आयोजन किया गया, जिसने दर्शकों के दिलों पर अमिट छाप छोड़ी। भारतीय नृत्यों की इन प्रस्तुत्तियों को देखकर दर्शक दीर्घा बार बार तालियों की गड़गड़ाहट से गूंज उठती थी।
मणिपुरी रास एवं कथक, साथ में ओड़िसा का पुरलिया छाऊ, पूरा भारत मानो ‘एक भारत श्रेष्ठ भारत’ के रूप में सामने था।
देशभर के 11 राज्यों के विभित्र शास्त्रीय एवं लोक कलाओं के प्रशिक्षित कलाकारों ने मंच पर सुर और ताल का ऐसा समां बांधा कि दर्शक हतप्रभ होकर मंत्रमुग्ध बस देखते रह गये।
कलाकारों की प्रस्तुति इतनी सकारात्मक और प्रभावी ऊर्जा उत्पन्न करेगी, शायद ही किसी दर्शक ने यह सोचा होगा।
शास्त्रीय नृत्यों में से ओडिसी, भरतनाट्यम की प्रस्तुति ने
एक सपने को मूर्त रूप दिया
एक सपने को कैसे मूर्त रूप दिया जाता है, एक बिरवे को कैसे हकीकत की जमीं दी जाती है, नगर पालिका अध्यक्ष इन्दिरा सिंह व डॉ. बीरबल सिंह और ईओ विकास कुमार ने यह करके दिखाया। बता दें कि देश की प्रसिद्ध कोरियोग्राफर मैत्रयी पहाड़ी के निर्देशन में ये कलाकार जी-20 के कार्यक्रमों में अपनी प्रस्तुति दे चुके हैं।