नई दिल्ली: यूट्यूब न्यूज चैनल 4PM के संपादक संजय शर्मा पर लगे ‘दलाली’ के आरोपों ने मीडिया जगत में हलचल मचा दी है। शर्मा, जो ब्राह्मण जाति से हैं, पर विपक्षी दलों के करीब रहकर कवरेज के बदले पैसे मांगने का इल्जाम लग रहा है। लेकिन क्या ये आरोप सच्चे हैं, या सत्ता पक्ष की साजिश? और क्या रवीश कुमार, अजीत अंजुम, पूण्य प्रसून वाजपेयी, अभिसार शर्मा व साक्षी जोशी जैसे यूट्यूबर्स इसे नजरअंदाज कर रहे हैं क्योंकि वे भी ब्राह्मण हैं और महागठबंधन समर्थक?
संजय शर्मा का 4PM चैनल विपक्षी मुद्दों पर आक्रामक कवरेज के लिए जाना जाता है। अप्रैल 2025 में केंद्र सरकार ने ‘राष्ट्रीय सुरक्षा’ के नाम पर चैनल ब्लॉक कर दिया, जिसके खिलाफ शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट का रुख किया। कोर्ट ने नोटिस जारी किया, लेकिन ब्लॉकिंग ऑर्डर सार्वजनिक नहीं हुआ। दलाली के आरोप पुराने हैं—2022-23 में सोशल मीडिया पर दावा किया गया कि शर्मा ने कांग्रेस की ‘भारत जोड़ो यात्रा’ कवरेज के लिए 5 लाख रुपये मांगे। कांग्रेस के पूर्व हैंडल
@INCUPEast
का एक ट्वीट (अभी उपलब्ध नहीं) इसे दोहराता है, लेकिन शर्मा ने इसे ‘राजनीतिक साजिश’ बताया। कोई कानूनी केस या सबूत नहीं मिला; ये आरोप X (पूर्व ट्विटर) पर BJP समर्थक हैंडल्स से फैले।
अब सवाल जातिगत पूर्वाग्रह का। रवीश कुमार ब्राह्मण हैं, पूण्य प्रसून वाजपेयी ब्राह्मण, अभिसार शर्मा ब्राह्मण। लेकिन अजीत अंजुम ब्राह्मण और साक्षी जोशी, ब्राह्मण। ये सभी विपक्ष-समर्थक हैं—रवीश NDTV छोड़ YouTube पर हैं, अंजुम TV9 से यूट्यूबर बने, वाजपेयी आज तक से स्वतंत्र। वे शर्मा के चैनल ब्लॉकिंग पर सहानुभूति जताते रहे, लेकिन दलाली पर चुप्पी?
मीडिया विशेषज्ञ कहते हैं, ये ‘गोदी मीडिया’ की रणनीति है-विपक्षी पत्रकारों को बदनाम कर एकजुट दिखाना।



