पश्चिमी देशों, विशेषकर यूरोप, अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप और नाटो की ओर से लगाए गए टैरिफ की धमकियों का भारत ने साहसपूर्ण जवाब दिया। मोदी ने न केवल इन चुनौतियों का सामना किया, बल्कि वैश्विक मंच पर एकजुटता और सहयोग का संदेश दिया। इस “यूनीपोलर” विश्व व्यवस्था में, जहां एकध्रुवीय शक्ति का प्रभुत्व रहा है, भारत ने ब्रिक्स के माध्यम से एक वैकल्पिक ध्रुव के रूप में उभरने का साहस दिखाया।
मोदी के नेतृत्व में भारत ने आर्थिक सहयोग, सतत विकास, और बहुपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने पर जोर दिया। भारत ने ग्लोबल साउथ की आवाज को मजबूत करते हुए विकासशील देशों के हितों को प्राथमिकता दी। इस सम्मेलन ने भारत को एक जिम्मेदार और सशक्त वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित किया, जो न केवल अपनी प्रगति के लिए, बल्कि विश्व में समानता और सहयोग के लिए प्रतिबद्ध है।