ब्रिक्स 2025: भारत का साहसपूर्ण नेतृत्व और वैश्विक ध्रुव का उदय

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दिल्ली। 2025 में ब्राजील में आयोजित ब्रिक्स सम्मेलन में भारत ने वैश्विक मंच पर सशक्त नेतृत्व का परिचय दिया। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन यूक्रेन संकट में उलझे होने के कारण व्यक्तिगत रूप से उपस्थित नहीं हो सके, वहीं चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग घरेलू चुनौतियों से जूझ रहे थे। दोनों देशों ने अपने अन्य प्रमुख नेताओं को प्रतिनिधित्व के लिए भेजा। इस बीच, भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वयं उपस्थित होकर ब्रिक्स आंदोलन को नई दिशा और ऊर्जा प्रदान की। उनकी उपस्थिति ने भारत के दृढ़ संकल्प और वैश्विक नेतृत्व की क्षमता को रेखांकित किया।

पश्चिमी देशों, विशेषकर यूरोप, अमेरिका के राष्ट्रपति ट्रंप और नाटो की ओर से लगाए गए टैरिफ की धमकियों का भारत ने साहसपूर्ण जवाब दिया। मोदी ने न केवल इन चुनौतियों का सामना किया, बल्कि वैश्विक मंच पर एकजुटता और सहयोग का संदेश दिया। इस “यूनीपोलर” विश्व व्यवस्था में, जहां एकध्रुवीय शक्ति का प्रभुत्व रहा है, भारत ने ब्रिक्स के माध्यम से एक वैकल्पिक ध्रुव के रूप में उभरने का साहस दिखाया।

मोदी के नेतृत्व में भारत ने आर्थिक सहयोग, सतत विकास, और बहुपक्षीय व्यापार को बढ़ावा देने पर जोर दिया। भारत ने ग्लोबल साउथ की आवाज को मजबूत करते हुए विकासशील देशों के हितों को प्राथमिकता दी। इस सम्मेलन ने भारत को एक जिम्मेदार और सशक्त वैश्विक शक्ति के रूप में स्थापित किया, जो न केवल अपनी प्रगति के लिए, बल्कि विश्व में समानता और सहयोग के लिए प्रतिबद्ध है।

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