दिल्ली वरिष्ठ पत्रकार दयानंद पांडेय ने अपनी बेबाक लेखनी से कांग्रेस के भ्रष्टाचार और वामपंथी ब्रिगेड के प्रोपगैंडा को उजागर किया है। उनकी गहरी पड़ताल ने कांग्रेस की पोल खोलकर जनता के सामने एक कड़वी सच्चाई लाई है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने एक भाषण में कांग्रेस के भ्रष्टाचार पर तंज कसते हुए कहा था कि कांग्रेस ऐसी योजनाओं का लाभ उन लोगों को देती थी, जो “पैदा भी नहीं हुए” और “विधवा पेंशन” जैसी योजनाओं का दुरुपयोग करती थी। यह बयान कांग्रेस की कथित नीतियों की हकीकत बयान करता है, जहां जनता का पैसा तिजोरी भरने के लिए इस्तेमाल होता था।

मोदी के इस बयान को वामपंथी ब्रिगेड ने तोड़-मरोड़कर प्रोपगैंडा का हथियार बना लिया। उन्होंने इसे सोनिया गांधी से जोड़कर “कांग्रेस की विधवा” का नैरेटिव गढ़ा, ताकि भ्रष्टाचार के मुद्दे को दबाया जा सके। कांग्रेस ने भी अपनी इस “नौकरानी” वामपंथी ब्रिगेड की हां में हां मिलाकर इस झूठ को बढ़ावा दिया। मूल वीडियो को एडिट कर इस नैरेटिव को हवा दी गई, जिससे जनता के बीच भ्रम फैला। दयानंद पांडेय ने इस प्रोपगैंडा को बेनकाब करते हुए दिखाया कि कैसे कांग्रेस और उसके सहयोगी सच को दबाने के लिए झूठ का सहारा लेते हैं।
भाजपा कार्यकर्ता इस प्रोपगैंडा का प्रभावी जवाब नहीं दे पाए और रक्षात्मक रुख अपनाने लगे। लेकिन पांडेय की लेखनी ने साफ किया कि कांग्रेस का भ्रष्टाचार और वामपंथी प्रोपगैंडा देश को गुमराह करने की साजिश है। यह “विधवा” कोई व्यक्ति नहीं, बल्कि कांग्रेस की भ्रष्ट नीतियों का प्रतीक है, जिसे वामपंथी ब्रिगेड ने सोनिया गांधी से जोड़कर भटकाने की कोशिश की।