कांग्रेस का ‘वोट चोर’ प्रचार उजागर, खुद पार्टी फंसी

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नई दिल्ली: कांग्रेस पार्टी का ‘वोट चोर’ प्रचार अब उसके लिए ही मुसीबत बन गया है। हाल के खुलासों से पता चला है कि पार्टी के वरिष्ठ नेता और राहुल गांधी के मीडिया प्रभारी पवन खेड़ा के पास दो मतदाता पहचान पत्र (EPIC) हैं, जबकि उनकी पत्नी कोटा नीलिमा, जो कांग्रेस प्रत्याशी हैं, के पास भी दो EPIC कार्ड हैं। यह मामला देश में एक बड़े विवाद का रूप ले चुका है।

पवन खेड़ा के पास एक मतदाता पहचान पत्र जंगपुरा (दिल्ली) और दूसरा नई दिल्ली से पंजीकृत है। इसी तरह, कोटा नीलिमा के पास खैरताबाद (तेलंगाना) और नई दिल्ली से दो सक्रिय EPIC कार्ड हैं। भारत निर्वाचन आयोग (ECI) ने 2 सितंबर 2025 को खेड़ा को नोटिस जारी कर इसकी जांच शुरू की है। बीजेपी आईटी सेल प्रमुख अमित मालवीय ने इसे ‘वोट चोरी’ का गंभीर उल्लंघन बताते हुए कहा कि अगर खेड़ा ने कई बार वोट डाला, तो यह कानूनी अपराध है।

इतना ही नहीं, इतिहास भी कांग्रेस के खिलाफ बोलता है। सोनिया गांधी का नाम 1980 के मतदाता सूची में पाया गया, जब वे भारतीय नागरिक नहीं थीं (नागरिकता 1983 में मिली)। बीजेपी ने इसे चुनावी धोखाधड़ी का पुराना सिलसिला करार दिया है। राहुल गांधी का ‘हाइड्रोजन बम’ वादा अब उनकी पार्टी की कार्रवाइयों पर सवाल उठा रहा है, और उनकी चुप्पी इसे और पुख्ता करती है।

कांग्रेस का SIR (स्पेशल इन्वेस्टिगेशन रिपोर्ट) का विरोध भी इस मामले से जोड़ा जा रहा है। सोशल मीडिया पर #VoteChorCongress ट्रेंड कर रहा है, और जनता जागरूक हो रही है। न्यूज़18 और इंडिया टुडे ने इस मुद्दे को प्रमुखता से उठाया है। क्या कांग्रेस का यह ‘महा वोट चोर’ रैकेट अब बेनकाब हो गया है? समय ही बताएगा।

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