नई दिल्ली। 7 नंबर शंकराचार्य मार्ग मे भारतवर्षीय धर्म संघ में मनाई गई जयन्ती के शुभ अवसर पर धर्म संघ के राष्ट्रिय अध्यक्ष एवं ज्योतिष पीठ के ब्रह्मलीन शंकराचार्य स्वामी माधवाश्रम जी महाराज के परम शिष्य व युनाईटेड हिन्दू फ्रंट के संरक्षक मंडल सदस्य जगद् गुरु स्वामी देवादित्यनंद सरस्वती जी महाराज ने कहा कि स्वामी करपात्री महाराज जैसे परम संत बार बार अवतरित नही हुआ करते। (1907 – 1982) भारत के वो सन्त, स्वतंत्रता सेनानी एवं राजनेता एवं सच्चे गो भक्त थे। उनका मूल नाम हरि नारायण ओझा था। दीक्षा के उपरान्त उनका नाम ’हरिहरानन्द सरस्वती’ था किन्तु वे ‘करपात्री’ नाम से ही प्रसिद्ध थे क्योंकि वे अपने अंजुलि का उपयोग खाने के बर्तन की तरह करते थे (कर = हाथ, पात्र = बर्तन, करपात्री = हाथ ही बर्तन हैं जिसके)। उन्होंने भारत में राम राज्य परिषद नामक राजनैतिक दल भी बनाया था। धर्मशास्त्रों में इनकी अद्वितीय एवं अतुलनीय विद्वता को देखते हुए इन्हें ‘धर्मसम्राट’ की उपाधि प्रदान की गई।
यूनाईटेड हिन्दू फ्रंट के अंतर्राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष, वरिष्ठ भाजपा नेता श्री जय भगवान गोयल ने कहा कि आज हम धर्मसम्राट कृपात्री जी महाराज को उनके प्रकटोत्सव पर उन्हें नमन् करते हैं जिन्हांने 1966 में लाखों गो भक्तों के साथ संसद का घेराव करते हुए पूरे देश में गोवंश हत्या बंदी कानून बनाने की पुरजोर मांग की थी और तत्कालीन प्रधानमंत्री श्री इंदिरा गांधी ने निहत्थे गो भक्तों पर गोलियां चलवाकर के हजारों गो भक्तों की निर्मम हत्या गोपाष्टमी के दिन करवाई थी, इसी कारण से इंदिरा गांधी की हत्या भी गोपाष्टमी के दिन ही हुई थी। आज हम सभी संतों के सानिध्य में भारत सरकार से यह मांग करते हैं कि पूरे देश में जल्द से जल्द गो वंश हत्याबंदी कानून बनाया जाए।
धर्म संघ के राष्ट्रिय प्रवक्ता प्रमोद माहेश्वरी ने बताया कार्यक्रम में भाग लेने वालों में मुख्य रूप से, स्वामी सर्वेश्वरानंद सरस्वती जी महाराज काशी, वृंदावन धर्म संघ से स्वामी बवेले जी महाराज, स्वामी परानंद तीर्थ जी, विद्या सागर, राम राज्य परिषद के देवेंद्र चतुर्वेदी, अरुण पाण्डे आदि ने भाग लिया कार्यक्रम के अंत में प्रसाद वितरण किया गया।