क्या वाट्सएप यूनिवर्सिटी से अब झूठ फैलाएगा विदेश में बैठा ध्रुव राठी

Dhruv-Rathee-YouTube.jpg

एमएस डेस्क

दिल्ली। ध्रुव राठी जैसे यू ट्यूबर वाट्सएप यूनिवर्सिटी के खिलाफ ज्ञान देते हुए प्रसिद्ध हुए थे। अब उसने अपनी एक वाट्सएप यूनिवर्सिटी खोल ली है। जहां फैक्ट चेक का कोई झंझट नहीं है। उसके झूठ के लिए दूसरे लोग माफी मांगेगे। वह भारत से बाहर है, वहां से कोई भी झूठ यहां फैला सकता है।

वीडियो के कन्टेंट और उसके व्यूअर्स के तुलनात्मक अध्ययन से इस बात में कोई संदेह नहीं रह जाता कि ध्रुव राठी, रवीश कुमार, अजीत अंजुम, अभिसार शर्मा, पुण्य प्रसून वाजपेई जैसे दर्जनों यू ट्यूबर के वीडियो को यू ट्यूब प्रमोट करता है। मीडिया मुगल रूपर्ट मर्डोक के अनुसार मार्केट में कंटेंट नहीं, डिस्ट्रीब्यूशन किंग है। ध्रुव राठी जैसे यू ट्यूबर का वीडियो विदेश में बनता है और 24 घंटे में एक करोड़ से अधिक लोगों तक पहुंचता है। उन तक भी जिन्होंने कभी ना इस नाम को सर्च किया है और ना इस नाम को जानते हैं।

एक मित्र यू ट्यूब नोटिफिकेशन में कांग्रेस इको सिस्टम के प्रोपगेंडा वाले नामों को देख कर कभी लिंक पर चटका नहीं लगाते। वे सावधानी बरतते हैं लेकिन बार बार उनके नोटिफिकेशन में ध्रुव, रवीश, अजीत के वीडियो ठेल दिए जाते हैं। मित्र को हर्ष वर्धन त्रिपाठी, मनीष कुमार और मनीष ठाकुर के वीडियो देखने के लिए बहुत मशक्कत करनी पड़ती है।

वे यू ट्यूबर रचित कौशिक की भाषा के फैन हैं। जिन्हें पिछले दिनों पंजाब की पुलिस गिरफ्तार करके ले गई। उसकी गिरफ्तारी पर ना प्रेस क्लब कुछ बोला और ना ही दिल्ली पत्रकार संघ। उसकी गिरफ्तारी पर रवीश कुमार भी चुप थे और संदीप चौधरी भी। अपनी बात कहने के लिए रचित लगातार संघर्ष कर रहे हैं। उनका चैनल बार बार स्ट्राइक का शिकार हुआ है। रचित ने हौसला नहीं हारा और हर बार एक नए चैनल के साथ फिर उठ खड़े हुए। जबकि ध्रुव राठी के फेक वीडियो को शेयर करने के लिए दिल्ली के मुख्यमंत्री को न्यायालय में माफी मांगनी पड़ी। उसके बाद भी आम आदमी पार्टी उसके वीडियो शेयर करती रहती है। उसके चैनल पर झूठ से कोई प्रभाव नहीं पड़ा।  ध्रुव राठी तो इंडिया से बाहर रहकर अपना प्रोपगेंडा भारत पर थोप रहा है। उसके वीडियो को यू—ट्यूब खूब प्रमोट करता है। मतलब एक घंटे में एक करोड़ से अधिक लोगों तक पहुंचा देता है।

यू ट्यूब के इस मनमाने बर्ताव की जांच होनी चाहिए। उस Youtube Alogrthim की जांच होनी चाहिए, जिसके आधार पर विचारधारा विशेष के यू ट्यूबर्स को यू ट्यूब प्रमोट करता है।  यू ट्यूब के प्लेटफॉर्म पर जो वीडियो अपलोड हो रहे हैं, सभी का फैक्ट चेक करना तो बहुत मुश्किल है लेकिन जिनके वीडियो यू ट्यूब पांच लाख से अधिक लोगों तक पहुंचा रहा है। उनका वाच टाइम भी अधिक है। ऐसे वीडियोज के फैक्ट चेक की जिम्मेवारी यू ट्यूब को लेनी चाहिए। वरना ध्रुव राठी जैसे लोग झूठ फैला कर निकल जाएंगे और अरविन्द केजरीवाल को वीडियो शेयर करने के लिए माफी मांगनी पड़ेगी। राठी जैसे विदेश में रहने वाले यू ट्यूबर तथ्यों से गलत तरीके से खेल सकते और जब तक उनके झूठ पर स्पष्टीकरण आएगा, देर हो चुकी होगी। यह सावधान होने का समय है क्योंकि यू ट्यूब का डिस्ट्रीब्यूशन ईमानदार नहीं है और उनकी सच्चाई को सामने लाने के लिए कोई भी स्वदेशी सोशल मीडिया विकल्प मौजूद नहीं है। यह चिंता की बात है, जिस पर विचार करने की जरूरत है।

Share this post

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

scroll to top