धर्मेंद्र की मृत्यु पर सोशल मीडिया पर बने दो खेमे

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सर्जना शर्मा

दिल्ली। सिने स्टार धर्मेंद्र की मृत्यु के बाद सोशल मीडिया पर दो तरह के खेमे हैं एक जो हेमा मालिनी को धर्मेंद्र के परिवार की खुशी के लिए बलिदान और त्याग की देवी बता रहे हैं । दूसरे वो जो प्रकाश कौर की सहनशीलता , संयम, भलमानसत और सामाजिक गरिमा की बात कर रहे हैं । कुछ लोग कह रहे हैं कि देयोल परिवार ने हेमा मालिनी को अंतिम संस्कार और शोकसभा से दूर रख कर अच्छा नहीं किया ।

एक बार जरा इतिहास में जाएं एमजी रामाचंद्रन की पत्नी जानकी रामाचंद्रन ने जय ललिता को क्या सबक सिखाया था । जॉर्ज फर्नाडीस की पत्नी लैला कबीर ने कैसे दशकों बाद आ कर बीमार फर्नाडीज की जिम्मेदारी और देखभाल अपने हाथ में ले ली थी । जया जेतली को जार्ज से मिलने के लिए अदालत का दरवाजा खटखटाना पड़ा था । और जॉर्ज नें अदालत में लैला कबीर के साथ रहने का मूक संकेत दिया था क्योंकि वे बोल नहीं पा रहे थे । लैला ने अंतिम समय में ज़ॉर्ज की सेवा की क्योंकि लैला कबीर ने कभी अपने पति से तलाक नहीं लिया था । जब जया जेटली और जॉर्ज की नजदीकियां बढ़ी और दोनो एकसाथ रहने लगे तो जया के आईएएस पति अशोक जेटली और जॉर्ज की हाई प्रोफाइल पत्नी लैला कबीर बिना किसी तमाशे के अलग हो गए थे। जया और जॉर्ज को अपने मन की जिंदगी जीने के लिए छोड़ दिया था । लेकिन भारतीय पत्नी का कोई मुकाबला नहीं जब देखा कि जॉर्ज बहुत बीमार है असहाय हो चुके हैं लैला कबीर लौट आयीं और बन गयी सती अनुसुइया । पति के सत्तर खून माफ जया जेटली की क्या गत हुई सब जानते हैं ।

अब बात करते हैं दक्षिण भारत की सुंदरी और दबंग नेता एस जयललिता की । एम जी रामाचंद्रन की पत्नी जानकी सब कुछ देखती रही सहती रही लेकिन अपने पति को तलाक नहीं दिया । एमजीआर की मृत्यु के समय जयललिता के साथ एमजीआर के परिवार ने क्या सलूक किया हर राजनीतिक संवाददाता जानता है । जय ललिता को इतनी चिकोटियां काटी औऱ धक्के दिए कि जिस ट्रक पर एमजीआर का शव अंतिम संस्कार के लिए ले जाया जा रहा था उससे उतरना पड़ा जयललिता को । भाजपा के एक वरिष्ठ तमिल ब्राह्मण नेता से जय ललिता का भाई बहिन का रिश्ता था उनको जय ललिता ने आप बीती सुनायी थी । एमजीआर की मौत के बाद जानकी और जय ललिता में पार्टी को लेकर भी बहुत विवाद चला चुनाव आयोग तक पहुंची जानकी।

अब बात करते हैं एन टी रामाराव और उनकी दूसरी पत्नी लक्ष्मी पार्वती की । यहां एनटीरामाराव की पत्नी का देहांत हो चुका था । लक्ष्मी पार्वती एनटीआर से उम्र में तीस साल छोटी थी । दोनों ने शादी की लेकिन एनटीआर के बच्चों को ये पसंद नहीं आया । एनटीआर के दामाद चंद्रबाबू नायडु के नेतृत्व में उन्होंने विद्रोह कर दिया । लक्ष्मी पार्वती के बढते दखल का हवाला दे कर टीडीपी पार्टी पर कब्जा कर लिया । वो पूरा रहस्य रोमांच भरा नाटक भला किसको याद नहीं है । पार्टी पर चंद्र बाबू नायडू के कब्जे के पांच महीने बाद एनटीआर चल बसे और साथ ही गुमनामी के अंधेरों में खो गयी लक्ष्मी पार्वती ।
धर्मेंद्र की पत्नी प्रकाश कौर ने बहुत गरिमा , संयम और धैर्य के साथ सब कुछ सहा लेकिन कभी हेमा मालिनी के खिलाफ मीडिया में बयान नहीं दिया । धर्मेंद्र के बेटों और बेटियों ने भी कभी हेमा मालिनी या अपनी दोनों सौतेली बहनों के खिलाफ कभी कुछ नहीं कहा । लैला कबीर और जानकी रामाचंद्रन की तरह प्रकाश कौर ने भी धर्मेंद्र को तलाक नहीं दिया । अपने चारों बच्चों में मगन हो कर रहीं । धर्मेंद्र के बीमार पडने पर प्रकाश कौर ने दिन रात एक कर उनकी सेवा की । कुछ लोगों को यदि संदेह हो तो बॉबी देयाल का वो इंटरव्यू पढ़लें जिसमें उन्ंहोने बताया कि हेमा मालिनी देखने और मिलने नहीं आती हैं मम्मी ही पापा का ध्यान रख रही हैं ।

अब धर्मेंद्र की मौत के बाद देयोल परिवार ने क्या किया कैसे किया क्यों किया मुझे लगता है उन पर ही छोड़़ देना चाहिए । ये उनका अपना निजी मामला है कि धर्मेंद्र का अंतिम संस्कार और शोक सभा वे कैसे करना चाहते थे । हां एक बात मैं ज़रूर कहना चाहूंगी कि हेमा मालिनी को देयोल परिवार की शोक सभा से किसी अलग दिन शोक सभा रखनी चाहिए थी । देयोल परिवार उनके लिए बहुत नरम रहा और उनको पूरा सम्मान दिया है ।

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