प्रिय मित्रो,
आप सभी साथियों से हाथ जोड़कर विनम्र निवेदन है कि अपने आसपास, घर के अन्य सदस्यों को जगाइए और उन्हें शाखा से जोड़िए। आगामी 2 अक्टूबर को विजयादशमी के दिन राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का सौवां साल मनाया जा रहा है। यह मौका बार-बार नहीं आएगा।
17 अगस्त को सड़क दुर्घटना में मेरे शरीर के दाहिने अंग की सारी पसलियां टूटी हुई हैं इन सबके बावजूद मैं सवेरे शाखा में ही नहीं, उपस्थित रहता हूं, बल्कि अन्य लोगों को भी आगे बढ़ने के लिए उन्हें प्रेरित करता हूं। हिंदुओं को जोड़ना मेंढकों को तराजू में तौलने की तरह है। एक को रखो, तब तक दूसरे भाग जाते हैं। समस्याएं हम सभी की जिंदगी में हैं। ये आती-जाती रहेंगी। इनके साथ हम सभी को जीना सीखना होगा। आप सभी के आशीर्वाद और दुआओं से हम इन परिस्थितियों से भी बाहर निकलेंगे और आपके साथ कदम से कदम मिलाकर चलेंगे।
कल मैंने फोर्टिस अस्पताल के ऑर्थोपेडिक्स हेड डॉक्टर पुनूीत मिश्रा जी से कहा- सर, 2 तारीख को राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का 100 वां साल है, उस दिन मैं परेड में हिस्सा लेना चाहता हूं। आप मुझे जल्दी से ठीक कीजिए, तो वो मुझे देखकर हंस रहे थे।
उन्होंने मुझसे कहा- आप पहले व्यक्ति हैं, जो इतना फ्रैक्चर होने के बावजूद महीने भर से कम समय में उठ खड़े हुए और संघ के परेड में भाग लेने की इतनी इच्छा है, ये जानते हुए भी कि दाहिने साइड की कई पसलियां टूटी हुई हैं। मैंने कहा, सर सब ठीक हो जाएगा। आप हां, कीजिए। वो मुस्कुरा रहे थे। यह सब लिखने के पीछे मात्र इतनी इच्छा है कि आप सब भी अपनी शारीरिक व्याधियों को पीछे रखकर आगे बढ़िए, ताकि यह सौवां साल भव्य तरीके से मना सकें।
आप सबका साथी हरेश कुमार