एजाज खान का रियलिटी शो ‘हाउस अरेस्ट’, जो उल्लू ऐप पर प्रसारित हुआ, हाल ही में अपने अश्लील कंटेंट के कारण सुर्खियों में रहा। शो के एक वायरल क्लिप में एजाज खान प्रतियोगियों से कामसूत्र की विभिन्न सेक्स पोजिशन्स के बारे में सवाल करते और उन्हें प्रदर्शित करने के लिए कहते नजर आए। इस दृश्य ने सोशल मीडिया पर तीखी प्रतिक्रियाएं बटोरीं, जहां कई यूजर्स ने इसे अश्लील और महिलाओं का अपमान करने वाला बताया। इस विवाद ने न केवल शो की विश्वसनीयता पर सवाल उठाए, बल्कि ओटीटी प्लेटफॉर्म्स पर कंटेंट की नैतिकता और सेंसरशिप के मुद्दे को भी सामने लाया।
‘हाउस अरेस्ट’ एक कैप्टिविटी-आधारित शो है, जिसमें प्रतियोगियों को विभिन्न चुनौतियों का सामना करना पड़ता है। हालांकि, इस विशेष एपिसोड में एजाज द्वारा प्रतियोगियों से सेक्स पोजिशन्स पर चर्चा और प्रदर्शन की मांग ने सामाजिक और राजनीतिक हलकों में आलोचना को जन्म दिया। राष्ट्रीय महिला आयोग (NCW) ने स्वत: संज्ञान लेते हुए एजाज खान और उल्लू ऐप के सीईओ विभु अग्रवाल को समन जारी किया। साथ ही, मुंबई पुलिस ने अश्लीलता को बढ़ावा देने के आरोप में एजाज और निर्माताओं के खिलाफ FIR दर्ज की, जिसके बाद उल्लू ऐप ने शो को अपने प्लेटफॉर्म से हटा लिया।
सोशल मीडिया पर #BanHouseArrest ट्रेंड करने लगा, जहां यूजर्स ने इसे ‘स्वतंत्रता के नाम पर अश्लीलता’ करार दिया। शिवसेना (UBT) की सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने भी इस मुद्दे को उठाते हुए सरकार से ओटीटी कंटेंट पर सख्ती की मांग की। दूसरी ओर, कुछ लोगों ने तर्क दिया कि यह शो स्वैच्छिक भागीदारी पर आधारित था, और प्रतियोगियों ने अपनी मर्जी से हिस्सा लिया। फिर भी, अधिकांश आलोचकों का मानना है कि इस तरह का कंटेंट सामाजिक मूल्यों को ठेस पहुंचाता है।
यह विवाद भारतीय समाज में यौनिकता के चित्रण और मनोरंजन के नाम पर सीमाओं के उल्लंघन की बहस को फिर से जीवित करता है। क्या ओटीटी प्लेटफॉर्म्स को पूर्ण स्वतंत्रता दी जानी चाहिए, या सेंसरशिप के दायरे में लाना जरूरी है? इस घटना ने मनोरंजन उद्योग, नीति निर्माताओं और दर्शकों के बीच इस सवाल को और गहरा कर दिया है।