दिल्ली सरकार के वित्त पोषित 12 कॉलेजों में पिछले कई महीने से सेलरी और अन्य ग्रांट समय पर जारी नहीं होने से शिक्षकों और कर्मचारियों को करोना काल में अनेक मुसीबतों का सामना करना पड़ रहा है। ग्रांट और सेलरी नियमित रूप से जारी करने की मांग को लेकर शिक्षकों ने डूटा के आह्वान पर दिल्ली सरकार से तुरंत सेलरी व अन्य ग्रांट जारी करने की मांग करते हुए एक दिन की हड़ताल की ।
नेशनल डेमोक्रेटिक टीचर्स फ्रंट के अध्यक्ष डॉ ए के भागी ने बताया कि पिछले कई महीने से समय पर ग्रांट ना मिलने के कारण दिल्ली सरकार के वित्त पोषित कॉलेजों में आर्थिक संकट गहरा गया है। समय पर समुचित ग्रांट जारी ना होने के कारण वैश्विक महामारी में शिक्षकों और कर्मचारियों को न तो समय पर वेतन मिल रहा है और न ही उनको मेडिकल और अन्य सुविधाएं मिल पा रही है । कई कॉलेजों में तो दो माह से शिक्षक और कर्मचारियों को वेतन भी नहीं मिला है। शिक्षकों और कर्मचारियों को वेतन न मिलने से उनको अपने परिवार के भरण पोषण व ई एम आई आदि देने में दिक्कतें होने लगी हैं। गौरतलब है कि कोविड् की दूसरी लहर में बहुत से शिक्षक और कर्मचारियों को जान से हाथ धोना पड़ा है।
डॉ भागी ने बताया कि दिल्ली सरकार के एजुकेशन मॉडल की हकीकत सामने आ गई है। दिल्ली सरकार के कई वित्त पोषित कॉलेज स्कूल की बिल्डिंग में चल रहे हैं। इनकी इमारतें जर्जर हो गई है। यहां सुविधाओं और संसाधनों का घोर अभाव है। एनडीटीएफ के महासचिव डॉ वी एस नेगी ने कहा कि शिक्षा के नाम पर आम आदमी पार्टी केवल प्रचार प्रसार कर रही है जबकि हकीकत इसके एकदम विपरीत है।