प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल शामिल होंगे

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दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन के नेता और अठारहवीं लोकसभा चुनाव के बाद लगातार तीसरी बार प्रधानमंत्री पद पर बैठने वाले नरेन्द्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह की तैयारियां तेज हो गई हैं। पड़ोसी देशों के कई राष्ट्राध्यक्ष इस महत्वपूर्ण घटना को देखेंगे। नेपाल, भूटान, श्रीलंका और बांग्लादेश के राष्ट्रपति अभी तक आमंत्रित हैं।

शनिवार को नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्पकमल दहल नई दिल्ली के लिए रवाना होंगे। भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के शपथ ग्रहण समारोह में वे शामिल होंगे, जो नई दिल्ली में होगा। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने बुधवार को फोन पर बातचीत करते हुए नेपाली प्रधानमंत्री को निमंत्रण भेजा था। उन्हें शपथ ग्रहण समारोह में भाग लेने का निमंत्रण मिला है।

कल बुधवार को नेपाल के प्रधानमंत्री प्रचंड ने नरेन्द्र मोदी को फोन कर चुनाव में जीत की बधाई दी। भारत के प्रधानमंत्री मोदी ने बुधवार को फोन पर उन्हें शपथ ग्रहण समारोह में शामिल होने का आमंत्रण दिया, एक नेपाली अधिकारी ने बताया। प्रधानमंत्री, प्रचंड के सचिवालय के अनुसार, शनिवार सुबह काठमांडू से दिल्ली रवाना होंगे।

बाइडेन और पुतिन सहित 75 से अधिक राष्ट्राध्यक्षों ने प्रधानमंत्री मोदी को बधाई दी

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दिल्ली : लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की जीत के लिए दुनिया भर के 75 से अधिक प्रमुख नेताओं ने बधाई संदेश भेजे हैं। यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान, ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडेन, यूरोपीय परिषद के अध्यक्ष चार्ल्स मिशेल, इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू, लिथुआनिया के राष्ट्रपति गीतांस नौसेदा, सिंगापुर के प्रधानमंत्री लॉरेंस वोंग, नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल “प्रचंड” और मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मुइज़ू शामिल हैं।

प्रधानमंत्री मोदी को जी20 देशों (इंडोनेशिया, इटली, जापान, दक्षिण कोरिया, फ्रांस, अमेरिका, ब्रिटेन और रूस) के नेताओं ने बधाई दी है। प्रधानमंत्री मोदी को व्यक्तिगत रूप से बधाई देने के लिए ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, नेपाल के प्रधानमंत्री पुष्प कमल दहल और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने भी फोन किया।

प्रधानमंत्री मोदी को फिर से भारत के प्रधानमंत्री के रूप में चुने जाने पर यूएई के राष्ट्रपति शेख मोहम्मद बिन जायद  ने शुभकामनाएं दीं।

सीआईए अधिकारी रहे नेपाल के एड्रियन , अब अमेरिकी कांग्रेस ने बनाया उम्मीदवार

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मनोज बस्नेत

14 साल तक अमेरिकी सेना में काम करने वाले अमेरिकी सेना के पूर्व कैप्टन पोखरेल का जन्म नेपाल के सुनसारी में हुआ। उन्होंने दुनिया की सबसे शक्तिशाली खुफिया एजेंसी सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (सीआईए) में 06 साल तक काम किया है

न्यूर्क (न्यू जर्सी)- सुनसारी के धरान में जन्मे आशीष पोखरेल (एड्रियन) अब वर्जीनिया 10 से अमेरिकी संसद के लिए डेमोक्रेटिक पार्टी के उम्मीदवार बन गए हैं। चुनाव नियमों के मुताबिक, वह 1,000 लोगों के हस्ताक्षर सत्यापित करने के बाद उम्मीदवार बने। किसी भी उम्मीदवार के लिए इतने सारे हस्ताक्षर हासिल करना एक बड़ी चुनौती है। उन्होंने कम समय में चुनौती पर काबू पा लिया और अब चुनाव प्रचार तेज कर दिया है। 14 साल तक अमेरिकी सेना में काम करने वाले अमेरिकी सेना के पूर्व कैप्टन पोखरेल ने दुनिया की सबसे शक्तिशाली खुफिया एजेंसी सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (सीआईए) में 06 साल तक काम किया है। यह पहली बार है कि नेपाली मूल के किसी व्यक्ति ने सीआईए में काम किया है। न केवल नेपाली, बल्कि वर्जीनिया 10 में कई अमेरिकियों ने भी उनकी उम्मीदवारी को सकारात्मक रूप से देखा है। उनकी उम्मीदवारी से नेपाली लोगों के प्रति अमेरिकी दृष्टिकोण बदलने की संभावना है, इसलिए वहां के नेपाली लोगों ने इसे सकारात्मक रूप से लिया है। साथ ही उन्होंने जो एजेंडे लिए हैं, उनकी वजह से अमेरिकियों ने भी उन्हें पसंद किया है।

एड्रियन ने कहा कि वह अमेरिकियों के बीच एकता और समानता के लिए दौड़ रहे हैं। उन्होंने मानसिक स्वास्थ्य देखभाल में सुधार, स्वास्थ्य देखभाल लागत को कम करने और महिलाओं के प्रजनन अधिकारों, रोजगार सृजन, श्रमिक संघ अधिकारों और लोकतंत्र की रक्षा को प्राथमिकता दी है। पोखरेल सैन्य खुफिया, प्रबंधन, नेतृत्व, साइबर, एथिकल हैकर, नेटवर्क प्रशासक, सुरक्षा विशेषज्ञ, राष्ट्रीय सुरक्षा के विशेषज्ञ हैं। उन्होंने अपनी शिक्षा धरान के शिक्षा सदन से शुरू की और अमेरिका में व्यवसाय प्रशासन, वित्त, खुफिया अध्ययन और रणनीतिक सुरक्षा का अध्ययन किया। पोखरेल सहित 11 उम्मीदवार, 18 जून को होने वाले प्राथमिक चुनाव में प्रतिस्पर्धा कर रहे हैं।

एड्रियन पोखरेल कौन हैं? पोखरेल का जन्म धरान 14 विजयपुर में बासुदेव पोखरेल और धरणी पोखरेल के घर हुआ था। उनका बचपन आनंद में बीता। उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा धरान के शिक्षा सदन मावी से प्राप्त की और उच्च शिक्षा काठमांडू के शंकर देव परिसर से प्राप्त की। उसके बाद, उन्होंने अमेरिका के टेक्सास में सैन जैसिंटो कम्युनिटी कॉलेज से ह्यूस्टन विश्वविद्यालय से बिजनेस एडमिनिस्ट्रेशन और फाइनेंस में डिग्री के साथ स्नातक की उपाधि प्राप्त की। उनकी पढ़ाई यहीं नहीं रुकी, उन्होंने अमेरिकन मिलिट्री यूनिवर्सिटी से इंटेलिजेंस स्टडीज में मास्टर्स और नेशनल अमेरिकन यूनिवर्सिटी से स्ट्रैटेजिक सिक्योरिटी में पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। अमेरिका में शुरुआती दिनों में, उन्होंने ह्यूस्टन क्षेत्र के आसपास के गैस स्टेशनों पर काम किया और फिर 11 वर्षों तक कॉन्टिनेंटल एयरलाइंस के लिए विभिन्न पदों पर काम किया। इसके बाद उन्होंने ह्यूस्टन पुलिस विभाग, परिवहन सुरक्षा प्रशासन, रेलमार्ग, राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी के माध्यम से 6 वर्षों तक सेंट्रल इंटेलिजेंस एजेंसी (सीआईए) में काम किया। वह अमेरिकी सेना में भर्ती हो गये और एक अधिकारी बन गये। 12 वर्षों तक सेना अधिकारी के रूप में कार्य किया। जहां से वह कप्तान के पद से सेवानिवृत्त हुए।

(लेखक काठमांडू स्थित कांतिपुर मीडिया समूह से जुड़े हैं)

राहुल गांधी ने मीडिया को कहा ब्लैकमेलर

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रायपुर। राहुल गांधी द्वारा मीडिया को ब्लैकमेलर और बिकाऊ कहे जाने पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कड़ा ऐतराज जताते हुए देश भर के मीडिया संस्थानों से यह पूछा है कि क्या वे कांग्रेस के युवराज के इस बयान से सहमत हैं?

गौरतलब है कि राहुल गांधी ने अपने एक साक्षात्कार में भारतीय मीडिया पर सीधा आरोप लगाते हुए उसे बिकाऊ-ब्लैकमेलर कहा है। राहुल ने कहा कि – “हिंदुस्तान का मीडिया सिस्टम अब मीडिया सिस्टम नहीं रहा। साफ शब्दों में कहें तो मीडिया पैसा कमाने के लिए राजनीतिक रूप से ब्लैकमेलिंग करने वाली व्यवस्था है।”

इस पर श्री साय ने अपने सोशल मीडिया हैंडल X में लिखा है कि – कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने भारतीय मीडिया को ब्लैकमेलर और बिकाऊ कहा है।

श्री गांधी ने हालिया प्रसारित एक साक्षात्कार में कहा है – “हिंदुस्तान का मीडिया सिस्टम अब मीडिया सिस्टम नहीं रहा। साफ शब्दों में कहें तो मीडिया पैसा कमाने के लिए राजनीतिक रूप से ब्लैकमेलिंग करने वाली व्यवस्था है।” मैं भारतीय मीडिया संस्थानों से यह पूछता चाहता हूं कि क्या वे राहुल जी के इस घोर आपत्तिजनक बयान से सहमत हैं?

इसके अलावा श्री गांधी ने छत्तीसगढ़ का उदाहरण देकर प्रदेश और यहां के मीडिया को विशेष तौर पर अपमानित किया है। यह निंदनीय है।

उन्होंने बिना किसी तथ्य के छत्तीसगढ़ सरकार पर मीडिया को एक हजार करोड़ रुपए देने की बात कही है। हम इसकी भी निंदा करते हैं।

राहुल जी का यह बयान बेहद आपत्तिजनक और लोकतंत्र के चौथे स्तंभ पर प्रहार है। यह आपातकाल वाली मानसिकता है।

सभी मीडिया संस्थान को राहुल के इस बयान के विरुद्ध संज्ञान लेने की अपील करता हूं।

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