3.1 अरब विज्ञापनों पर Google ने लगाई रोक

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वर्ष 2020 की अपनी वार्षिक विज्ञापन सुरक्षा रिपोर्ट यानी कि ऐड सेफ्टी रिपोर्ट टेक कंपनी गूगल ने जारी की है। यह रिपोर्ट बुरे विज्ञापनों को रोकने के पीछे के प्रयासों पर प्रकाश डालती है और दिखाती है कि गूगल अपने विज्ञापन प्लेटफॉर्म्स को कैसे पारदर्शी बना रहा है। दरअसल, गूगल बुरे विज्ञापनों से परेशान हो चुका है, इसीलिए 2020 में कंपनी ने हर घंटे 5700 से ज्‍यादा विज्ञापनों पर रोक ही नहीं लगाई, बल्कि उन्‍हें हटा दिया है।

बुधवार को अपनी रिपोर्ट के जरिये गूगल ने यह जानकारी दी कि उसने पिछले साल दुनियाभर में कोरोना वायरस से जुड़े 9.9 करोड़ विज्ञापनों समेत कुल 3.1 अरब बुरे विज्ञापनों को अपने प्लेटफॉर्म्स से हटा दिया है, जो यूजर्स को गलत जानकारी दे रहे थे। साथ ही टेक कंपनी ने 6.4 अरब अतिरिक्‍त विज्ञापनों पर पाबंदी भी लगाई है। बता दें कि ऐसा पहली बार हुआ है जब गूगल ने उन विज्ञापनों की जानकारी भी साझा की है, जिन पर पाबंदी लगाई गई है।

दुनियाभर में स्‍थानीय कानूनों व नियमों के आधार पर गूगल ने रोक लगाई है। अब इसके प्लेटफॉर्म्स पर सिर्फ वही विज्ञापन दिखेंगे, जिनको कंपनी ने सभी मानकों के आधार पर मंजूरी दी है। कंपनी ने अपनी सालाना ऐड सेफ्टी रिपोर्ट 2020 में बताया है कि नियमों का उल्‍लंघन करने पर हटाए गए विज्ञापनों की संख्‍या में 70 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। कंपनी ने 17 लाख से ज्‍यादा विज्ञापनों को पॉलिसी का उल्‍लंघन करने की वजह से हटाया है। वहीं, गूगल ने डिटेक्‍शन सिस्‍टम की चोरी करने की कोशिश करने वाले 86.7 करोड़ विज्ञापनों को या तो ब्‍लॉक कर दिया या पूरी तरह से हटा दिया है। गूगल ने यह भी बताया कि नीतियों को गलत तरीके से पेश (Misrepresentation of Policies) करने की वजह से उसने 10.1 करोड़ विज्ञापनों को हटा दिया है।

2020 में विज्ञापनदाताओं और प्रकाशकों के लिए टेक कंपनी ने 40 से भी ज्यादा नीतियों को या तो जोड़ा या उसमें बदलाव किया था। गूगल ने कहा कि पिछले साल महामारी से संबंधित गलत और भ्रामक विज्ञापन सबसे बड़ी चिंता का कारण थे। इनमें चमत्‍कारिक इलाज, एन-95 फेस मास्‍क की कमी और हाल में वैक्‍सीन को लेकर आने वाले जैसे फर्जी विज्ञापन शामिल थे।

पिछले साल चूंकि दुनियाभर में COVID-19 मामलों की संख्या में बेहताशा बढ़ोतरी देखने को मिली थी, इसलिए इससे जुड़े प्रॉडक्ट्स और इलाज का दावा करने वाले झूठे प्रॉडक्ट्स की कीमतों में भी बढ़ोतरी देखने को मिली थी, जिसके चलते ही गूगल ने कोरोना वायरस को लेकर गलत विज्ञापनों पर रोक लगाने के लिए कोविड विज्ञापन नीति जारी की थी। साथ ही कंपनी ने 2020 में विज्ञापनों के साथ ही कोविड या ग्‍लोबल हेल्‍थ इमरजेंसी से ऐसी जुड़ी सामग्री को रोकने के लिए एक नई पॉलिसी भी पेश की थी, जो वैज्ञानिक तथ्‍यों के उलट थीं।

गूगल ने अप्रैल 2020 में विज्ञापनदाता पहचान सत्‍यापन कार्यक्रम भी शुरू किया। इसके तहत अभी 20 देशों के विज्ञापनदाताओं का सत्‍यापन किया जा रहा है। गूगल के विज्ञापन निजता व सुरक्षा विभाग के उपाध्‍यक्ष स्‍कॉट स्‍पेंसर ने कहा कि हजारों कर्मचारियों ने यूजर्स, क्रिएटर्स, पब्लिशर्स और एवर्टाइजर्स की सेफ्टी के लिए 24 घंटे काम किया।

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