गॉसिप : कुमार विश्वास और डिजिटल खिड़की का अनूठा अनुबंध

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डॉ. कुमार विश्वास, हिंदी काव्य जगत के चमकते सितारे, न केवल अपनी प्रेम और देशभक्ति से भरी कविताओं के लिए प्रसिद्ध हैं, बल्कि नवाचार के क्षेत्र में भी अपनी पहचान बना रहे हैं। उनकी बेटी अग्रता शर्मा द्वारा संचालित मार्केटिंग और पीआर कंपनी डिजिटल खिड़की ने हाल ही में मंचीय कवियों के साथ एक अभिनव अनुबंध शुरू किया है, जो हिंदी साहित्य और काव्य मंच के लिए एक नया प्रयोग है। यह पहल कवियों को आर्थिक और प्रचार-प्रसार की सुविधाएं प्रदान करती है, जिससे उनका काव्य सफर और सशक्त हो सके।

डिजिटल खिड़की का यह अनुबंध कवियों को उनके कार्यक्रमों के लिए अग्रिम धनराशि और प्रचार की सुविधाएं उपलब्ध कराता है। अनुबंध के तहत कवियों को व्यक्तिगत कार्यक्रम लेने की स्वतंत्रता है, बशर्ते वे स्तरीय हों और संस्था को सूचित किया जाए। यह मॉडल संगीत और लेखन उद्योग में टी-सीरीज जैसी कंपनियों द्वारा गायकों और लेखकों के साथ किए जाने वाले अनुबंधों से प्रेरित है। हालांकि, मंचीय कवियों के लिए यह पहला ऐसा प्रयास है, जो काव्य को व्यावसायिक और संगठित रूप देने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।

इस पहल को लेकर समाज में मिश्रित प्रतिक्रियाएं हैं। कुछ लोग इसे साहित्य और कला को व्यावसायिकता से जोड़ने का सकारात्मक कदम मानते हैं, क्योंकि यह कवियों को आर्थिक स्थिरता और व्यापक मंच प्रदान करता है। दूसरी ओर, कुछ का मानना है कि साहित्य को धन से अलग रखना चाहिए, क्योंकि यह भावनाओं और विचारों का माध्यम है। लेकिन यह तर्क भी सामने आता है कि कवियों के भी पारिवारिक और व्यक्तिगत खर्चे होते हैं। आर्थिक सक्षमता के बिना समाजसेवा या साहित्यिक योगदान कठिन है। डिजिटल खिड़की का यह प्रयोग कवियों को सशक्त बनाने और हिंदी काव्य को वैश्विक स्तर पर ले जाने की दिशा में एक साहसिक प्रयास है।

इस अनुबंध के निष्कर्ष भविष्य में सामने आएंगे, लेकिन यह निश्चित रूप से काव्य जगत में एक नई क्रांति का सूचक है। यह पहल कवियों को न केवल आर्थिक रूप से सशक्त बनाएगी, बल्कि हिंदी साहित्य को और व्यापक दर्शकों तक पहुंचाने में भी मदद करेगी।

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