हरनाथ सिंह यादवजी का खुला पत्र, सत्यपाल मलिक के नाम

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प्रिय सत्यपाल जी, पहले तो मैं आपके स्वस्थ होने की प्रभु से कामना करता हूं। मै आपसे 6 वर्ष बड़ा हूं, मै आपके संपूर्ण राजनीतिक जीवन से अंदर से परिचित हूं। जिन चौधरी चरण सिंह जी की हर समय दुहाई देते हो ,आपने सदैव उन्हें छलने का काम किया, और उनके साथ धोखा किया। मुझे अच्छी तरह याद है कि चौधरी साहब ने आपको महा मक्कार व्यक्ति कह कर भारतीय क्रांति दल से निष्काशित किया था। आपने चौधरी साहब को फिर से अपनी छल शक्ति से संतुष्ट कर लिया और फिर लोकदल में आ गए। आपकी दल विरोधी गतिविधियों के कारण चौधरी साहब ने एक दो वर्ष बाद फिर आपको लोकदल से निकाल दिया। लंबे समय तक आप राजनीति के बियाबान जंगल में भटकते रहे, परन्तु आपने अपने छल प्रपंच के कारण भाजपा नेतृत्व को प्रभावित कर लिया। केंद्रीय नेतृत्व को आपने अपनी चिकनी चुपड़ी बातों से इतना प्रभावित कर लिया कि उत्तर प्रदेश भाजपा के प्रबल विरोध के बाजूद आपको राज्य सभा भेज दिया।

मैं उस समय उत्तर प्रदेश भाजपा का महामंत्री था, स्वर्गीय कल्याण सिंह जी अध्यक्ष थे, कल्याण सिंह जी और समूची प्रदेश भाजपा ने आपको राज्य सभा भेजने का विरोध किया था। उसके बाद भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने आपको जम्मू कश्मीर जैसे महत्वपूर्ण राज्य का उपराज्यपाल बना दिया, वहां पर आपने कुछ ऐसी हरकतें की कि आपको मेघालय भेजना पड़ा। लेकिन आप अपनी हरकतों से कभी बाज नहीं आए। मुझे अच्छी तरह याद है कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश भाजपा का कोई भी कार्यकर्ता आपको पसंद नहीं करता था, आम किसान क्या जाट बिरादरी भी आपको पसंद नहीं करती थी। आम तौर पर यह धारणा है कि जीवन के अंतिम क्षणों में व्यक्ति सत्य बोलता है, परंतु आप इसके अपवाद हैं।

आपने सदैव छल, प्रपंच, असत्य का सहारा ले कर राजनीति की। अब अधिक नहीं लिख रहा हूं क्यों कि हमारे हिंदू धर्म में मान्यता है कि जब कोई जीवन के अंतिम क्षणों में होता है , उस समय उसके बारे में नकारात्मक बोलना ठीक नहीं माना जाता है। अंत में प्रभु से कामना करता हूं कि की आप शीघ्र स्वास्थ्य लाभ करें। मै आपके बारे कुछ बोलना नहीं चाहता था, परंतु आज मुझे इसलिए विवश होना पड़ा कि आपने अपने अपने जीवन के अंतिम सत्र में लंबा चौड़ा पत्र लिख कर सदैव की भांति अपने को पाक साबित करने की कोशिश की और आम जन को गुमराह करने का प्रयास किया है। यदि वास्तव में जीवन मृत्यु से संघर्षरत हैं तो अपने किए गए पापों, अपराधों के लिए ईश्वर से प्रायश्चित करिए ताकि भगवान अगले जनम में आपको ……….!

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