हिम संवाद 2025 और अरुणाचल यात्रा

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सर्जना शर्मा

मैं —डू यू हैव कांब
महिला दुकानदार हिंदी में – आपको कंघी चाहिए हां है मेरे पास है बीस रुपए की है।

ईटानगर में मेरे अंग्रेजी में पूछे गए सवाल का जवाब मुझे स्थानीय महिला इतनी खांटी हिंदी में देगी मुझे उम्मीद नहीं थी । पूर्वोत्तर भारत के सुदूर प्रांत अरुणाचल के लोगों ने सचमुच मुझे हैरान किया यहां हर व्यक्ति शुद्ध हिंदी बोलता है।किसी को फोन करो तो फोन में मधुर हिंदी फिल्मी गीत सुनायी देते हैं। बहुत खुशी हुई दिल को ये जानकार कि जिस राज्य में 26 जनजातियां रहतीं हैं उनको एकता की डोर में पिरोती है हिंदी। मैं चार दिन ईटानगर में रही किसी के दिल में हिंदी के प्रति नफरत नहीं देखी। दक्षिण भारत के राज्यों तमिलनाडु, केरल में विशेष रूप से हिंदीबोलना अपराध है वहां के लोगों की नजर में। सबसे बुरा हाल तमिलनाडु का है।

जैसे ही आप चेन्नई एयरपोर्ट पर उतरते हैं सबसे पहली मुलाकात होती है टैक्सी वाले से भूल से यदि आपने हिंदी में कुछ पूछ लिया तो वो हाथ नचा नचा कर गुस्से से बोलेगा – हिंदी नहीं हिंदी नहीं । कोई दुकानदार बस चालक आपसे हिंदी में बात नहीं करेगा। और तो छोड़िए हिंदी को लेकर इतनी ज्यादा राजनीति है कि डीएमके के एक राज्यसभा सांसद आपके हिंदी में पूछे गए सवाल का उत्तर हमेशा अंग्रेजी में देते हैं आप यदि कह दो हिंदी में बाइट दे दो वो कहते हैं – no हिंदी ,ओनली इंग्लिश। जबकि उनको बहुत अच्छी हिंदी आती है सांसदों की पार्टियों में वे हिंदी फिल्मों के गाने बहुत तरन्नुम में गाते हैं। केरल का भी यही हाल है कर्नाटक में इतना बुरा हाल नहीं था अब वहां भी हिंदी पर राजनीति हो रही है। अब तो महाराष्ट्र जो कि हिंदी सिनेमा की कमाई खाता है वहां भी ठाकरे बंधुओं ने हिंदी के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।

मुझे समझ नहीं आता हिंदी ही क्यों किसी भी भारतीय भाषा का विरोध क्यों होना चाहिए। भारत विविधताओं से भरा देश है हम कितने सौभाग्यसाली हैं ऐसे देश में पैदा हुए हैं । जहां इतनी सारी भाषाएं हैं बोलियां हैं । मेरा बस चले तो में हर भाषा सीख लूं । अभी हिंदी पंजाबी , हरियाणवी ,हिमाचली ,मारवाडी भाषा बोल लेती हूं । बांग्ला गुजराती मराठी बोल नहीं सकती लेकिन समझ लेती हूं । आप को शायद यकीन न हो मेरे पास भारत के अनेक प्रांतों की भाषाओं केvभजन हैं जिनकों में बहुत चाव से सुनती हूं । असम के बिहू गीत और भजन , बंगाल के बाउलगीत , बांग्ला में चैतन्य महाप्रभु के भजन , भगवान कृष्ण के भजन , सबसे सुंदर हैमायापुर इस्कॉन की तुलसी आरती – तुलसी कृष्ण प्रेयसी नमो नम पता नहीं कितनी बारमैं सुनती हूं मन भीग भीग जाता है आप भी कभी सुनिए । गुजरात की प्रीति गज्जर के भजनआंखों में आंसू ला देते हैं। रसभीना राय रणछोड़ वसो म्हारा रूदया मां (रस भीनाराय रणछोड मेरे हृदय में बसो) जब दिल करता है ये भजन सुनती हूं । गुजरात के हेमंतचौहान को भगवान ने दृष्टि नहीं दी लेकिन इतना खनकदार और मधुर स्वर दिया है कि आपबस सुनते ही रहोगे सुनते ही रहोगे । म्हारा घट में बिराजता श्री नाथ जी बृंदा जीमहाप्रभु जी , पावागढ़ की काली मां के भजन सुनिए उनके – पांखिडा रे उडी जाओ पावा गढ़ रे । भगवान कृष्ण के भजन गुजरातका कोई गायक न गाए सा कैसा हो सकता है – जय रणछोड़ जय रणछोड़ माखन चोर , प्रथम वेला स्मरिए रे स्वामी तैने सूंडावाल ( गणपति) आप मेरी बात माने तो सुनिए इनके भजन आपको गुजराती भाषा से प्यार हो जाएगा । मैं पंजाबी लोगों के बीचपली बढी हूं इसलिए पंजाबी बोलने समझने पंजाबी गीत गाने सुनने में बहुत मजा आता है। सुरेंद्र कौर प्रकाश कौर के लोक गीत सुन सुन कर बड़े हुए जो आज भी हर शादी ब्याहमें गाए जाते हैं। काला श्याह काला मेरा काला ई सरदार गौरयां नूं दफा करो मैं आपतिल्ले दी तार काला श्याह काला, लट्ठे दी चादर उत्ते सलेटी रंग माहिया आओ सामनेकोलो दी रूस के लंघ माहिया।

गुरदास मान का छल्ला, जुगनी, ट्प्पे। शब्द कीर्तन भी मैं बहुत सुनती हूं – जपुजी साहिब, चौपाई साहिब, दुख भंजन साहिब और अन्य बहुत से शब्द इतनी सुंदर मधुर गुरबाणी जब भी दिल बहुत उदास हो विचलित हो शब्द सुनिए दिल में अमृत रस की बौछार होगी । भाईमनजिंदर सिंह जी अमृतसर वाले , भाई हरजिंदर सिंह जी श्रीनगर वाले, भाई मेहताब सिंहजलंधर वाले भाई रविंदर सिंह हजूरी रागी श्री दरबार साहिब अमृतसर वाले कभी इनके औरअन्य सिख रागियों का शब्द कीर्तन सुनिए भाषा की दीवारें अपने आप गिर जाएगी । हरियाणा की रागिनियां ,राजस्थान के भक्ति गीत और लोकगीत मांगणिया गायक जब गाते हैं तो सुनने वाले सब कुछ भूलजाते हैं और उनके पैर थिरक उठते हैं । होलिया में उडे रे गुलाल तो हर किसी की जुबान परहै . म्हारो पल्लो लटको जरा सा टेढ़ों हो जा बालमा । बस दिल को एक बार बड़ा किजिए भारतकी हर भाषा से प्यार हो जाएगा आपको। भगवानजगन्नाथ के भजन उड़िया में सुनिए पंडित सूर्य नारायण रथ के भजन और जगन्न नाथ अष्टक सुनिए। भोजपुरी गीत तो बॉलीवुड में भी हिटरहे हैं हम सब यदा कदा गुनगुनाते हैं । महाराष्ट्र में पंडित भीमसेन जोशी, किशोरीअमोनकर जैसे बड़े शास्त्रीय गायक हैं तो सुरेश वाडेकर जैसे सुगम संगीत गायकों केअभंग सुनिए अजीत कडकडे अहिल्या फड़के को सुनिए। आप भी विट्ठला विट्ठला की माला जपने लगेंगे । दक्षिण भारतीय गायक कर्नाटक संगीतशैली में गाते हैं जबकि देश के बाकी हिस्से में हिंदुस्तानी शास्त्रीय संगीत गायन शैलीहै । सुब्बालक्ष्मी के स्वर में विष्णु सहस्त्रनाम नहीं सुना तो क्या सुना , भजगोविंदम् और सुप्रभताम नहीं सुना तो संगीत प्रेम अधूरा है। मलयाली गायक येसुदास ने अय्यप्पा के लिए जो भजन गाए हैं उनका कोई तोड़नहीं है यकीन मानिए जब आप उनका — हरिवासनं विश्वमोहनम् , हरिदधीश्वरमर्जुनमणडनम्प्रणत सारणम् शरणम् अय्यपा स्वामी शरणम् अय्यप्पा ।

सूची बहुत लंबी है जी न्यूज में जबपांच साल तक धर्म संस्कृति पर मंथन कार्यक्रम बनाया तो भारत के हर प्रांत केत्यौहार व्रत उपवास तीर्थ स्थान दिखाते थे सबके भजन भी मंगवाते थे । जब हर प्रांतके गायकों को सुना तो लगा कि भाषा की दीवार इतनी बड़ी नहीं है जरा सा प्रयास जरा साप्यार जरा सा अपनापन मन में लाना होगा भारत की सब भाषाएं अपनी लगेगी । हम हिंदीभाषियों की मां हिंदी है तो बाकी सभी भाषाएं हमारी मौसियां हैं यानी मां जैसी हैं। भाषा की राजनीति कर रहे नेताओं की बात न सुने अपने एक भारत श्रेष्ठ भारत के दिलकी धड़कन सुनें । भारत को एक जन्म में समझ पाना कठिन हैं सौ जन्म लेनें होंगेभारत में भारत को समझने के लिए । मैं सौ क्या हजार जन्म भी अपने विविधताओं से भरे भारत में लेना चाहूंगी । इस लेख में बहुत कुछ लिखना रह गयाहै इतना कुछ लिखने को हैं लेकिन अब के लिए बस इतना ही । अरुणाचल यात्रा से प्रेरितहो कर उनका हिंदी प्रेम देख कर लगा कि यदि ये लोग हिंदी को इतना प्यार कर सकते हैंतो देश के बाकी गैर हिंदी भाषी क्यों नहीं कर सकते ।

महानगर से लेकर नगर और शहर तक अर्बन डेवलपमेंट विभाग की यह जिम्मेवारी होनी चाहिए कि किस शहर में कितनी नई गाड़ियां बेची जा सकती हैं और कितनी गाड़ियां अब सड़क पर चलने की स्थिति में नहीं है। उन्हें हटाया जा सकता है। इसका हिसाब किताब रखे।

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