भारत में इलेक्ट्रानिक मीडिया के इतिहास परिचित पत्रकार इस बात से इंकार नहीं कर सकते कि पत्रकारिता को गोदी मीडिया का टर्म देने वाला एनडीटीवी ही इस देश का पहला ‘गोदी मीडिया’ है। गोदी मीडिया शब्द का इस्तेमाल करते हुए इस चैनल के अभूतपूर्व पत्रकारों ने हर बार यह बात छुपाई है
पत्रकार स्मिता प्रकाश ने एक साक्षात्कार में कहा, यूपीए की सरकार में सबसे अधिक पहुंच वाला चैनल एनडीटीवी था। उसके एंकर रवीश कुमार गोदी मीडिया शब्द लेकर आए। एनडीटीवी को कभी किसी ने गोदी मीडिया नहीं कहा। जितनी सुविधाएं एनडीटीवी को सरकार से मिलती थी। उसकी उम्मीद राहुल कंवल, अर्णव गोस्वामी, अंजना ओम कश्यप इस सरकार से नहीं कर सकते।
एनडीटीवी की पहुंच भारत की सरकार और पाकिस्तान की सरकार के अंदर तक थी। पाकिस्तान में भारतीय प्रधानमंत्री के इवेन्ट को कवर करने के बाद भारत डाटा ट्रासफर के लिए सीमित साधन थे। चैनल वालों को बहुत कठीनाई होती थी। उस दौर में एनडीटीवी के लोगों को पाकिस्तान के सूचना प्रसारण मंत्री के कार्यालय की सारी सुविधा मुहैया होती थी।
व्हाइट हाउस के इवेंट में एनडीटीवी के पत्रकारों को वरियता दी जाती थी। आज की सरकार से कोई भी पत्रकार यह उम्मीद नहीं कर सकता कि प्रधानमंत्री अमेरिकी राष्ट्रपति से बात करके कहे कि अर्णव गोस्वामी या राहुल कंवल को कुछ विशेष सुविधाएं दो। यह सारी सुविधाएं एनडीटीवी को यूपीए सरकार से मिल रही थी और दिल्ली में पत्रकारिता कर रहे लोगों को पता था। बावजूद इसके किसी ने एनडीटीवी को गोदी मीडिया नहीं कहा। जबकि उनकी पूरी पत्रकारिता ही यूपीए सरकार की गोदी में बैठकर चल रही थी।
नोट : यहां स्मिता प्रकाश के जवाब का शब्दानुवाद नहीं किया गया है। उनके साक्षात्कार का जितना हिस्सा याद रहा, उसका भावानुवाद है यह।